नई दिल्ली, सरकार ने आज कहा कि सिंचाई एवं औद्योगिक उपयोग सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए जल के दोहन के चलते देश के कुछ हिस्सों में भूजल स्तर में गिरावट आ रही है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डाॅ. संजीव कुमार बालियान ने आज लोकसभा को एक लिखित जवाब में बताया कि केंद्रीय भूमि जलबोर्ड द्वारा निगरानी किये गए भूजल स्तर आंकड़ों के अनुसार मानसून पूर्व (अप्रैल-मई 2016) जलस्तर आंकड़ों की तुलना दशकीय औसत (2006-2015) से करने पर पता चलता है कि देश के सभी राज्योंःकेंद्र शासित प्रदेश क्षेत्रों के कुछ हिस्सों के 66 प्रतिशत कुंओं के भूजल स्तर में गिरावट आयी है।
उन्होंने बताया कि मौसमी, भौगोलिक एवं जलस्तर में वार्षिक भिन्नता के साथ-साथ पर्याप्त भंडारण में कमी के चलते जल की पर्याप्त मात्रा का, विशेषकर मानसून के दौरान, उपयोग नहीं हो पाता और वह समुद, में बह जाता है। उन्होंने बताया कि 1993 में केंद्रीय जल आयोग द्वारा किये गए आकलन के अनुसार देश में नदी बेसिन वार औसत वार्षिक जल उपलब्धता 1869 अरब घन मीटर है। अनुमान है कि स्थलाकृतिक, जल विज्ञानीय एवं अन्य बाधाओं के कारण उपयोग जल की मात्रा 1123 अरब घन मीटर है। इसमें से 690 अरब घन मीटर सतही जल और 433 अरब घन मीटर पुनर्भरणीय भूजल संसाधन शामिल है।