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देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ 10 फिल्म निर्माताओं ने अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाय

130501103811_dibakar_624x351_agency_nocreditभारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के अध्यक्ष पद पर गजेंद्र चैहान की नियुक्ति रद्द करने के लिए सरकार को बाध्य करने में असफल रहने पर आंदोलनकारी छात्रों ने आज अपनी हड़ताल एकतरफा रूप से समाप्त कर दी लेकिन साथ ही अपना विरोध जारी रखने की घोषणा की। वहीं 10 जाने-माने फिल्म निर्माताओं ने एफटीआईआई छात्रों के साथ एकजुटता जताते हुए और देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिये। एफटीआईआई में जारी गतिरोध समाप्त होने पर दिवाकर बनर्जी और आनंद पटवर्धन सहित 10 प्रमुख फिल्म निर्माताओं ने छात्रों के मुद्दों का समाधान करने में सरकार की उदासीनता और असहिष्णुता के माहौल के खिलाफ अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने की मुम्बई में घोषणा की। उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि फिल्म निर्माताओं के तौर पर हम एफटीआईआई छात्रों के साथ खड़े हुए हैं और इस बात को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि विरोध प्रदर्शन का पूरा बोझ केवल उनके ही कंधों पर नहीं पड़े। उन्होंने कहा, हम वह सम्मान लौटाने को विवश हो रहे हैं जो हमें सरकार ने प्रदान किये हैं। हत्याओं में भूमिका निभाने वाली ताकतों से पूछताछ किए बिना मौतों पर संवेदना प्रकट करना, हमारे देश को नुकसान पहुंचा रही बुरी ताकतों को मौन स्वीकार्यता है। बनर्जी और पटवर्धन के अलावा अपने पुरस्कार लौटाने वाले अन्य फिल्मकारों में निशिता जैन, परेश कामदार, कृति नखवा, फिल्म हंटर के निदेशक हषर्वर्धन कुलकर्णी, हरि नायर, राकेश शर्मा, इंद्रनील लाहिड़ी और लिपिका सिंह दराई शामिल हैं।