लखनऊ, उत्तर प्रदेश में मतदान के पहले चरण से जुड़ा एग्जिट पोल प्रकाशित करने पर हिन्दी समाचारपत्र दैनिक जागरण के न्यूज पोर्टल जागरण डाट काम के संपादक शेखर त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें सोमवार देर रात गिरफ्तार किया । चुनाव आयोग की शिकायत पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। एग्जिट पोल मे प्रथम चरण के चुनाव मे, एक राष्ट्रीय पार्टी को सबसे आगे दिखाया गया था।
आयोग के कदम का स्वागत करते हुए कांग्रेस ने कहा था कि आयोग का स्वतः संज्ञान लेते हुए उठाया गया यह कदम सराहनीय है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, चुनाव आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया है और कार्रवाई एवं मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। यह स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया के मालिक किसके भय के तहत हैं, यह बुनियादी सवाल है जिसके कारण उन्हें ऐसा काम करना पड़ रहा है। तिवारी ने कहा कि यह सिर्फ एग्जिट पोल का सवाल नहीं है बल्कि चिंता का विषय है कि कानून और आयोग के नियम के बावजूद समाचारपत्र ने एग्जिट पोल प्रकाशित किया।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने उसके नियमों का उल्लंघन कर एग्जिट पोल (मतदान बाद सर्वेक्षण) प्रकाशित करने को लेकर एक हिंदी दैनिक अखबार और एक एजेंसी के विरूद्ध उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में प्राथमिकी दर्ज करने का सोमवार को आदेश दिया। अपने निर्देशों का उल्लंघन किये जाने को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को पत्र लिखा और उन्हें स्मरण दिलाया है कि धारा 126 ए के तहत के अपराध की सजा दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों है। आयोग ने कहा कि उसके संज्ञान में लाया गया है कि दैनिक जागरण ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मौके पर रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल (आई) प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा कराए गए एक्जिट पोल के नतीजे अपनी वेबसाइट में प्रकाशित किए थे।
दैनिक जागरण अखबार ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के एग्जिट पोल के बारे में खबर अनजाने में उसकी अंग्रेजी वेबसाइट पर प्रकाशित हो गई थी और समूह के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी जानकारी मिलते ही फौरन इसे हटा दिया गया था। एक बयान में अखबार ने कहा, ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि सिवाय अंग्रेजी डिजिटल माध्यम के एग्जिट पोल से जुड़ी कोई भी खबर दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित नहीं हुई। अखबार ने कहा, अंग्रेजी वेबसाइट पर एग्जिट पोल का जिक्र करते हुए अनजाने में एक खबर प्रकाशित हो गई। हालांकि, जैसे ही समूह के बड़े अधिकारियों के संज्ञान में ये खबर आई, गलती का खुद ही सुधार करते हुए इसे फौरन हटा दिया गया। इसमें कहा गया, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पूरी तरह अनुपालन करते हैं और चुनाव आयोग के सामने अपनी स्थिति साफ करने के लिए हम तथ्य आधारित विस्तृत जवाब दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने दैनिक जागरण और एक एजेंसी के खिलाफ उसके दिशा निर्देश के उल्लंघन में एग्जिट पोल का प्रकाशन करने पर उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।