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नक्सलियों के खिलाफ बेहद कठोर नीति के साथ आगे बढ़ रही है सरकार: अमित शाह

नयी दिल्ली, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरूवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार नक्सलियों के खिलाफ बेहद कठोर दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है।

छत्तीसगढ़ में दो अलग-अलग अभियानों में 22 नक्सलियों के मारे जाने के बाद श्री शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ‘नक्सलमुक्त भारत अभियान’ की दिशा में जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में सुरक्षा बलों के दो अलग-अलग अभियानों में 22 नक्सली मारे गए। मोदी सरकार नक्सलियों के विरुद्ध बेहद कठोर नीति यानी ‘रुथलेस अप्रोच’ से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। उन्होंने दावा किया कि अगले वर्ष 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।

सरकार की नक्सलवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के चलते वर्ष 2025 में अब तक 90 नक्सली मारे जा चुके हैं, 104 को गिरफ्तार किया गया है और 164 ने आत्मसमर्पण किया है। वर्ष 2024 में 290 नक्सलियों का सफाया किया गया था, 1090 को गिरफ्तार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया था। अभी तक कुल 15 शीर्ष नक्सली नेताओं को खत्म किया जा चुका है।

मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की कुल 16,463 घटनाएं हुई थीं, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2024 के बीच हिंसक घटनाओं की संख्या 53 प्रतिशत घटकर 7,744 रह गई हैं। इसी प्रकार, सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 1851 से 73 प्रतिशत घटकर 509 रह गई और नागरिकों की मृत्यु की संख्या 70 प्रतिशत की कमी के साथ 4766 से 1495 रह गई है।

वर्ष 2014 तक कुल 66 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन थे जबकि मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में इनकी संख्या बढ़कर 612 हो गई है। इसी प्रकार, 2014 में देश में 126 ज़िले नक्सलप्रभावित थे, लेकिन 2024 में सबसे अधिक प्रभावित ज़िलों की संख्या घटकर मात्र 12 रह गई है। पिछले 5 वर्षों में कुल 302 नए सुरक्षा कैंप और 68 नाइट लैंडिंग हेलीपैड्स बनाए गए हैं।