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नये साल के पहले दिन यूपी में रहा चक्का जाम

लखनऊ, देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम कसने के लिए लाये गये नये कानून के विरोध में नये साल के पहले ही दिन सोमवार को प्रदेश भर में निजी और अनुबंधित बस चालकों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला।

फर्रुखाबाद में इस हड़ताल का व्यापक असर नजर आया। यहां डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आर सी यादव ने देते हुए बताया कि बिना किसी नोटिस के अचानक फर्रुखाबाद डिपो से चलने वाली 104बसो के लगभग सभी ड्राइवर ड्यूटी पर नहीं आए और अपने मोबाइल का स्विच ऑफ कर लिये। इस दौरान कुछेक ड्राइवर में से एक बस प्रातः लखनऊ के लिए रवाना की गई जिसे हरदोई के हड़ताली ड्राइवर ने वापस फर्रुखाबाद भेज दिया। इसी क्रम में डिपो से 25 बसे निकली गई लेकिन हड़ताली चालकों ने किसी भी रूट पर नहीं जाने दिया।

सूत्रों के अनुसार रोडवेज ड्राइवरों की बस चक्का जाम हड़ताल के कारण फर्रुखाबाद से दिल्ली, आगरा, लखनऊ, हरदोई शाहजहांपुर बरेली, मेरठ ,बदायूं, इलाहाबाद आदि स्थान को आने जाने वाले हजारों यात्रियों को अपने-अपने घरों को बिना यात्रा किये वापस लौटना पड़ा तथा अति आवश्यक यात्रियों को महंगे किराए पर छोटे छोटे बोलेरो आदि चार पहिया वाहनों से यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा, इधर हड़ताली ड्राइवरों के अनुसार वे अपनी मांगों के समर्थन में आगामी तीन दिन तक हड़ताल रखेगे।

बहराइच ज़िले में केंद्र सरकार के नए कानून के विरोध मे सुबह से ही जिले में धरना शुरू हो गया। शहर में स्थित रोडवेज बस अड्डे परिसर में चालकों ने बस खड़ा कर दिया। रोडवेज बस के चालकों ने कानून के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। सभी ने वाहनों को बस स्टाप परिसर में ही खड़ा कर दिया है। यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नानपारा-बहराइच मार्ग पर भी ट्रक चालकों ने वाहन बीच सड़क पर खड़ा करके प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

हमीरपुर जिले में भी रोडवेज,डग्गामार व सभी प्रकार के प्राइवेट वाहन के चालकों द्वारा हड़ताल का ऐलान कर दिया। जिससे अफरा तफरी मची रही वही सभी वाहन स्टैंड स्थलों पर हमीरपुर जैसे छोटेे जिले में कर्फ्यू जैसा माहौल रहा। मौदहा में ट्रक चालकों ने हाईवे जाम कर दिया पुलिस ने समझा बुझाकर जाम खुलवाया। रोडवेज के प्रभारी एआरएम राकेश कुमार पांडेय ने सोमवार को बताया कि एमवीएक्ट में संशोधन को लेकर आज सुवह से ही सभी चालक व परिचालक अचानक हड़ताल पर चले गये।

चालकों का कहना है कि शासन के फैसले के खिलाफ सभी चालकों ने बीती देर रात हडताल पर जाने का फैसला कर लिया था यह पहला मौका था जब सरकारी व प्राइवेट सभी चालक एक साथ हड़ताल पर गये हैं। एआरएम रोडवेज श्री पांडेय का कहना है कि जैसे ही शासन व चालक संघ के मध्य कोई समझौता होगा तभी चालक काम पर लौटेगे। आज सभी वाहन स्टैंड के आसपास की दुकाने बंद रहे है कर्फ्यू जैसा माहौल देखने को मिला। अंत में ट्रक एसोशियेशन व ई रिक्शा चालक संघ ने जिलाधिकारी को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौपा।

झांसी में भी चालकों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। यहा एआरएम रोडवेज डी एन श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह के समय नौ बस निकाली गयी लेकिन कोई भी गंतव्य तक नहीं पहुंची सरकारी बस चालकों को भारी विरोध और जाम के चलते लौटना पड़ा । उन्होंने बताया कि कल के लिए सभी सरकारी बस चालकों को ड्यूटी पर आने की जानकारी दी जा रही है और उन्हें समझाया जा रहा है।

नये कानून के खिलाफ रायबरेली के रोडवेज के चालको ने भी चक्का जाम कर दिया है । परिवहन निगम के चालकों की इस हड़ताल में करीब चार पांच जिलों के रोडवेज डिपो के सक्रिय होने की बात सुनाई दे रही है। हालांकि इस संख्या की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नही है।

रायबरेली रोडवेज के एआरएम का कहना है कि यह हड़ताल अवैधानिक है जिसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। अभी तो कानून सामने आया नही है लेकिन रायबरेली डिपो की करीब डेढ़ सौ बसों में से बमुश्किल 3-4 बसे ही चली है। शेष बसों के चालको ने बसों को चलाने से इंकार कर दिया है, जिससे आम जनता को भी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा है साथ ही राजस्व की भी हानि हुई है। उन्होंने बताया कि किसी कर्मचारियों की यूनियन की तरफ से न कोई नोटिस भेजा गया और न ही कोई मांग पत्र ही जारी हुआ लेकिन चालक मनमानी पर उतारू है। इस मामले का निपटारा करने गए सिटी मजिस्ट्रेट बाबू राम भी बस स्टैंड पर आए लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा नही निकला है।रोडवेज के प्रशासन की तरफ से ड्यूटी न करने वाले चालको को नोटिस दिया जा रहा है।

सरकार द्वारा मोटर अधिनियम ( हिट एंड रन) में संशोधन कर दुर्घटना के मामले में जेल व एवं पाच लाख रुपये के जुर्माना बढ़ाये जाने के विरोध में इस हड़ताल का आयोजन किया गया है।