प्रयागराज,समाजवादी पाटी (सपा) के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से कराई जाए जिससे लोगों के सामने सच्चाई आयेगी।
श्री यादव ने मंगलवार को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचकर परिषद अध्यक्ष श्री गिरी के पार्थिव शरीर का दर्शन किया और भरे मन से उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने भावुक होते श्री गिरि की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि उन्हें हमेशा उनका आशीर्वाद मिला। उन्होंने पूरी घटना की निष्पक्ष जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से कराए जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि श्री गिरी की मौत को लेकर तमाम प्रकार की खबरें फैल रही है। लेकिन उन अफवाहों पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सिटिंग जज से जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा।
महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद वीआइपी और राजनीतिक दलों के नेताओं का बाघम्बरी गद्दी आने का क्रम सुबह से जारी है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ,कैबिनेट मंत्री नंद कुमार गुप्ता, इलाहाबाद की सांसद डा0 रीता बहुगणा जोशी, फूलपुर की सांसद केसरी देवी पटेल तथा अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी। मठ में महंत के शिष्यों, अनुयायियों के साथ बड़ी संख्या में आम जनता श्री गिरी के अंतिम दर्शन कर रही है।
इस बीच निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत स्वामी धर्मदास ने श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी मठ में दिवंगत नरेन्द्र गिरी को श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददताओं से कहा कि महंत की मौत सामान्य नहीं है। हमेशा संघर्ष करने वाला व्यक्ति कभी आत्महत्या नहीं कर सकता, इसकी सबसे बड़ी जांच एजेंसी से जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि साधु-संतों की हत्या होना निंदनीय है। साधु-संत किसी अखाड़े से जुड़ा बड़ा संतों हो या फिर तो छोटा ही क्यों न हो, किसी भी साधु की हत्या बेहद निंदनीय है, इस पर लगाम लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की असमय मौत से आहत हूं और उन्हें अपनी सच्ची श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं।
स्वामी धर्मदास ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के संबंध में कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। कोई भी साधु-संत किसी भी फरेब में फंस कर आत्महत्या नहीं कर सकता है। घटना में शामिल जो कोई भी हो, पर्दाफाश होना चाहिए। देश में अगर कोई सबसे बड़ी एजेंसी है तो उससे इस घटना की जांच होनी चाहिए जिससे दोषियों को सजा मिल सके और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
गौरतलब है कि अखाडा परिषद के अध्यक्ष 60 वर्षीय महंत नरेन्द्र गिरी का शव सोमवार शाम बाघम्बरी गद्दी मठ के कमरे में संदिग्ध अवस्था में पंखे से लटका मिला था। मौके से पुलिस ने आठ पन्ने का सुसाइडनोट भी बरामद किया था। पुलिस सुसाइडनोट की फारेंसिक जांच कराये जाने की बात कही है।