निर्माता बनने के पहले पत्रकार बनना चाहती थी एकता कपूर

मुंबई, बॉलीवुड की जानीमानी फिल्मकार एकता कपूर, निर्माता बनने के पहले पत्रकार बनना चाहती थी। एकता कपूर की कहानी किसी आम लड़की से लेकर भारत की सबसे ताकतवर कंटेंट क्रिएटर बनने तक का सफर है, जो सच में एक लीजेंड की तरह है। दिग्गज अभिनेता जीतेन्द्र की बेटी एकता कपूर ने ट्रेडिशनल फिल्मी परिवार की राह नहीं अपनाई। एकता कपूर ने बताया था कि वह निर्माता बनने से पहले पत्रकार बनना चाहती थी। एकता ने बताया मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मेरा शरीर या चेहरा कलाकार बनने के लिए ठीक है, जो उस वक्त ज़रूरी लगता था। मैं सोचती थी कि महीने के लगभग 20 हजरर रुपए कमाऊंगी और फिर शादी कर लूंगी। सच कहूँ तो, मेरे पास कोई खास प्लान नहीं था।

एकता कपूर ने अपने पापा जीतेन्द्र के प्रोडक्शन वाले एक प्रोजेक्ट की स्क्रिप्ट पर काम करते हुए, एक दिन किसी राइटर की कहानी सुनी और वहीं कुछ तो दिल को छू गया। जब उनके पापा ने उस प्रोजेक्ट से पीछे हटने का फैसला किया, तो एकता ने कमान संभाल ली। उन्होंने कहा, पैसे तो लग ही चुके थे, तो बतौर निर्माता वहआगे आईं। बस उसी फैसले ने उनकी ज़िंदगी की दिशा बदल दी। यहीं से शुरू हुआ डॉल्फ़िन टेलीफिल्म्स और फिर बालाजी टेलीफिल्म्स का सफर, जो बाद में भारतीय टीवी इंडस्ट्री को पूरी तरह बदल कर रख देने वाला नाम बना।

140 से ज़्यादा टीवी शोज़, 45 फिल्में और औरतों को कहानी की ताकत देने का काम वो भी तब, जब ऐसा करना आम बात नहीं थी, एकता कपूर ने कहानी कहने का मतलब ही बदल दिया। उन्होंने सिर्फ टीवी और फिल्मों में ही नहीं, बल्कि डिजिटल की दुनिया में भी अपनी धाक जमाई।

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