नई दिल्ली, नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे और चर्चा को लेकर गतिरोध के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक बुलाई और पार्टी नेताओं को संबोधित किया।
इस बैठक में गरीबी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए। मोदी ने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने का कदम कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी मजबूत एवं सतत लड़ाई की शुरुआत है और इसका लाभ गरीब लोगों और आम जनता को मिलेगा।
नोटबंदी के फैसले को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि गरीबों के लिए ये फैसले लिए गए है। नोटबंदी से कालेधन पर करारी चोट लगी है। इतने सालों के बाद भी लोगों को पीने के लिए पानी नहीं है। आज भी लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं है। 70 साल बाद देश की ये हालत है। 70 साल बाद भी गरीबी की हालत चिंताजनक है। पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं से अपील की कि वे लोगों को बताएं, ये फैसला लोगों के हित में है। विपक्ष नोटबंदी पर गलत प्रचार कर रहा है। ये फैसला आतंक रोकने में निर्णायक साबित होगा। सर्जिकल स्ट्राइक पर भी गलत प्रचार किया गया और अब नोटबंदी विपक्ष अफवाहें फैला रहा है। हम सत्ता में देश के लिए आए हैं।
बैठक में मोदी ने कहा कि काले धन, जाली नोट और भ्रष्टाचार से कारण सबसे ज्यादा परेशानी गरीबों, निचले वर्ग और मध्यम वर्ग को उठानी पड़ती है और उनकी सरकार देश को इन बुराइयों से मुक्त कराने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। भाजपा संसदीय दल ने आज एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करके कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ महायुद्ध छेड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। प्रस्ताव में कहा गया है कि हम प्रधानमंत्री को ऐतिहासिक, साहसी, गरीबोन्मुखी और राष्ट्र के हित में लिये गए इस निर्णय के लिए बधाई देते हैं। संसदीय पार्टी की बैठक में भाजपा के सभी सांसदों को बुलाया गया था ताकि नोटबंदी के विभिन्न आयामों के बारे में उन्हें बताया जा सके।
सांसदों ने नोटबंदी के समर्थन में यह प्रस्ताव ऐसे समय पारित किया है और प्रधानमंत्री के प्रति पूरा समर्थन जताया है जब पूरा विपक्ष एकजुट होकर इस अभियान के कारण जनता को पेश आ रही परेशानियों का हवाला देकर सरकार को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है। सभी सांसदों ने खड़े होकर मोदी के प्रति सम्मान भी जताया। इस प्रस्ताव में विरोधी पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा गया है कि वे यह फैसला कर लें कि वे भारत की जनता और सरकार के साथ हैं या फिर काले धन के जमाखोरों के साथ। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष संसद की कार्यवाही बाधित कर रहा है और चर्चा से भाग रहा है। उन्हें (विपक्ष) यह तय करना चाहिए कि कालाधन की बुराई के खिलाफ लड़ाई में वे किस ओर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर इन दलों को यह तय करना चाहिए कि वे किधर खड़े हैं। क्या वे ऐसे लोगों के साथ खड़े हैं जो कालेधन की जमाखोरी कर रहे हैं या उनका संरक्षण कर रहे हैं। बैठक के दौरान वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी पार्टी सदस्यों को संबोधित किया और सरकार के रूख से अवगत कराया। जेटली ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 60-70 वर्षों से चले आ रहे चलन को खत्म करके प्रधानमंत्री ने नया चलन शुरू किया है। विपक्ष पर विकास का मार्ग अवरूद्ध करने का आरोप लगाते हुए जेटली ने कहा कि अब नया चलन यह है कि सभी काम सफेद लेनदेन के तहत होंगे। कुछ लोग यह कहते हैं कि नोटबंदी के बारे में वित्त मंत्री को भी नहीं पता था। फिर वे कहते हैं कि पार्टी के लोगों को इसके बारे में पता था। ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं।