देहरादून , देहरादून में सात साल पहले पत्नी की हत्या कर 72 टुकड़े करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। राजेश गुलाटी को कल ही कोर्ट ने पत्नी की हत्या में दोषी करार दे दिया था।
अभियोजन पक्ष के वकीलों ने अदालत से इस केस को रेयरेस्ट ऑफ़ रेयर घोषित करने की मांग की थी. सिर्फ़ रेयरेस्ट ऑफ़ रेयर मामलों में ही मौत की सज़ा का प्रावधान है. राजेश गुलाटी ने सिर्फ़ अनुपमा की हत्या की बल्कि बल्कि उसके शव को डीप फ़्रीज़र में रखकर जमा दिया और फिर टुकड़े कर शव को ठिकाने लगाता रहा.
इस हत्याकांड का खुलासा 12 दिसंबर 2010 को हुआ था लेकिन अनुपमा की हत्या 17 अक्टूबर 2010 को ही कर दी गई थी. पुलिस के अनुसार अनुपमा ने अपने परिवार की मर्ज़ी के ख़िलाफ राजेश से लव मैरिज की थी लेकिन कुछ दिन बाद ही दोनों में झगड़ा होने लगा था.
17 अक्टूबर 2010 को फिर से दोनों में झगड़ा हुआ और उसके बाद राजेश ने अनुपमा की हत्या कर दी. हत्या के बाद राजेश ने डीप फ्रीजर खरीदा और उसमें अनुपमा के शव को रख दिया. शव के जम जाने के बाद उसने स्टोन कटर, आरी और मशीन से टुकड़े किए और मसूरी रोड पर धीरे-धीरे कर ठिकाने लगा.
दो महीने तक बहन से संपर्क ना होने पर अनुपमा के भाई को शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत की. राजेश के घर की तलाशी लेने पर डीप फ्रीजर में अनुपमा के टुकड़े रखे मिले थे.