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पत्रकारो को तर्कशील होना जरूरी- बाबा रामदेव

हरिद्वार, योग गुरु स्वामी रामदेव ने पत्रकारों से तर्कशील ओर विनयशील होने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें ;पत्रकारो कोद्ध विचारधारा के आधार पर मूल्यांकन नही करना चाहिए।

स्वामी रामदेव शुक्रवार को पतंजलि योगपीठ के श्रद्धालयंम सभागार में इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन के नौवें वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन करने के बाद विभिन्न राज्योँ से आये हुए पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पत्रकारों को प्रतिस्पर्धा के इस दौर में खुद को प्रमाणित करने के लिए अपडेट रखने और ज्यादा से ज्यादा अध्ययन की आदत डालने के भी सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि आने वाला समय बेहद प्रतिस्पर्धा का दौर है ऐसे में मार्किट में बने रहने के लिए पत्रकारों को एक शब्दकोश की तरह काम करना होगा।

आईजेयू के वार्षिक अधिवेशन के दौरान हरियाणा पत्रकार संघ के अध्यक्ष के बी पंडित को सर्वसम्मति से आईजेयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा कर्नाटक के मुरगेश शिवपुजी को महासचिव चुना गया जिसकी घोषणा वरिष्ठ पत्रकार आचार्य गौरी शंकर ने की। स्वामी रामदेव ने केबी पंडित और मुरगेश तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि अगर आप स्वभाव से पत्रकार हैं तो आपके कई तरह के सामाजिक सुखों से वंचित होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में प्रिंट मीडिया से इलैक्ट्रोनिक मीडिया भले ही आगे निकल रहा है लेकिन प्रिंट मीडिया की साख आज भी बरकरार है।

योग गुरु ने कहा कि मीडिया में तेजी से बढ़ रहा बाजारवाद गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए सभी को एकजुट होकर आगे आना होगा और खुद ही नीति निर्धारित करना पड़ेगा। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार वेद प्रताप वैदिक ने कार्यपालिकाए न्यायपालिका और विधायिका भले ही अपने रास्ते से भटक जाए लेकिन अगर कलम पालिका तटस्थ रहेगी तो लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं।
आइजेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बी पंडित ने यूनियन द्वारा किये गए कार्यों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि यूनियन की ओर से वर्किंग जर्नलिस्ट ऐक्ट में संशोधनए देश के सभी राज्यो में सरकारों के माध्यम से पेंशन योजना को लागू करवाने के लिए संघर्ष किया जाएगा।

इस अवसर आइजेयू की उत्तराखंड शाखा के अध्यक्ष अनंत मित्तल ने इन आयोजन के लिए पतंजलि प्रबंधन तथा स्वामी रामदेव का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर श्री गंगासभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और तमन्य वशिष्ठ के अलावा कई अन्य बुद्धिजीवियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।