पत्रकार से मंत्री बने एमजे अकबर के जीवन में कई बड़े बदलाव हुये
July 5, 2016
नई दिल्ली, मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होना पत्रकार और लेखक एमजे अकबर के राजनैतिक कॅरियर में उल्लेखनीय बदलाव है। वे 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से नजदीकी के चलते बतौर कांग्रेसी सांसद राजनीति में आए थे।
हाल ही में मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए 65 वर्षीय अकबर भाजपा का स्पष्टवादी और आधुनिक मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। उन्होंने बड़ी चतुराई से हिंदुत्व अतिवाद की आलोचनाओं को मोदी के विकास के एजेंडे के तले दबाया इसलिए बचाव के मौकों पर पार्टी उन पर भरोसा करती है। पार्टी के प्रवक्ता रहते हुए उन्होंने कई बार सरकार की विदेश नीति पर चर्चा भी की है।
वे जाने माने संपादक रह चुके हैं और जवाहरलाल नेहरू की जीवनी समेत कई चर्चित पुस्तकें भी लिख चुके हैं। 1980 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीब आने के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था। उन्होंने 1989 में बिहार के किशनगंज से लोकसभा चुनाव जीता था लेकिन उस साल कांग्रेस बुरी तरह हार गई थी। 1991 में गांधी की मौत के बाद वे पार्टी से अलग हो गए और फिर से पूर्णकालीक पत्रकार बन गए थे।
2002 के गुजरात दंगों के बाद उन्होंने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना भी की थी लेकिन कांग्रेस में गांधी परिवार के नेतृत्व की कड़ी आलोचना करने के बाद वे भगवा पार्टी के करीब आ गए थे। भाजपा को उम्मीद है कि अकबर पार्टी में एक धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने वाले मुस्लिम व्यक्ति की कमी को पूरा करेंगे।