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पाखंड है समाजवाद,रामराज के अनुसरण से चलेगा देश : सीएम योगी

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) के समाजवाद को पाखंडी करार देते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रामराज्य की अवधारणा समाजवाद से नहीं बल्कि सत्संकल्प और दृढ़इच्छा शक्ति से साकार होगी।

विधानसभा में बजट प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान सदन को संबोधित करते हुये श्री योगी ने बुधवार को कहा कि समाजवाद नेताओं और उनके लोगों को शक्तिशाली बनाने का सबसे बड़ा पाखंड है। यह अमीरों को गरीब, गरीबों को गुलाम और बुद्धिजीवियों को बेवकूफ बनाता है। समाजवाद दुनिया में कहीं भी समृद्धि लेकर नहीं आया है।

उन्होने कहा कि ये देश रामराज्य से ही चलेगा और उत्तर प्रदेश का ये बजट रामराज्य की अवधारणा को पूरा करने और उसकी आधारशिला बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश में रामराज्य की अवधारणा समाजवाद से नहीं सत्संकल्प और दृढ़इच्छा शक्ति से साकार होगी। इसमें भेदभाव नहीं, सबका साथ सबका विकास का मूलमंत्र समाहित होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि समाजवाद एक बहुरूपिया ब्रांड है। इसके अलग-अलग रूप हैं। यहां लोकतांत्रिक समाजवाद है, प्रगतिशील समाजवाद है, प्रजातांत्रिक समाजवाद है और तो और पारिवारिक समाजवाद भी है। क्या ये सब देश और प्रदेश का भला कर सकते हैं। ये केवल एक मृगतृष्णा है। भारत और उत्तर प्रदेश समाजवाद नहीं, बल्कि रामराज्य के भाव से आगे बढ़ रहा है।

उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश रामराज्य की धरती है। यही रामराज्य की अवधारणा देश और प्रदेश में आर्थिक संपन्नता, विकासोन्मुख समाज, राजनीतिक अखंडता का निर्माण करके प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली ला सकता है। उत्तर प्रदेश राम, कृष्ण की जन्मभूमि है। यहां दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी है। दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कुंभ यहीं प्रयागराज में आयोजित होता है। वैदिक परंपरा की भूमि नैमिषारण्य यहीं है। हमारे पास विंध्यवासिनी, पाटेश्वरी, शाकम्भरी जैसे शक्तिपीठ हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरक्षपीठ सदा से विदेशी आक्रांताओं को मुंहतोड़ जवाब देने का सबसे बड़ा केंद्र रहा है। गोरक्षपीठ ने कभी अपने मूल्यों और आदर्शों से समझौता नहीं किया है। आगे भी नहीं करेगा। संत तुलसीदास की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग रामचरित मानस का विरोध कर रहे हैं उन्हें कम से कम डॉ राम मनोहर लोहिया का स्मरण कर लेना चाहिए कि आखिर प्रभु श्रीराम के लिए राममनोहर लोहिया ने क्या कहा था।