महोबा, उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में नाग पंचमी का पर्व मंगलवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर यहां नागदेव की पारंपरिक शोभायात्रा निकाली गई। जगह.जगह मेलों के आयोजन भी किये गए।
नागपंचमी पर शिवमंदिरों में पूजन अर्चन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। भक्तों ने भोलेनाथ का दूध एवम जल से अभिषेक किया।
जिला मुख्यालय में गोरख गिरी पर्वत की तलहटी में स्थित नागदेव के मंदिर में विशेष पूजा. अनुष्ठान का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। चौरसिया नव युवक कल्याण समिति द्वारा नागदेव की पारंपरिक शोभायात्रा आयोजित की गई जिसमे हजारों की संख्या में लोग शामिल रहे। यह पान मंडी से आरंभ हो नगर भ्रमण के उपरांत नागमन्दिर में पहुंच कर सम्पन्न हुई। शोभायात्रा में नाग पूजा पर आधारित विविध झांकिया लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं। रामकुंड धाम में इस मौके पर मेला का आयोजन हुआ।
इसी प्रकार श्रीनगर के बड़े हनुमान मंदिरए कुलपहाड़ में बाघ विराजन मंदिर परिसर में नाग पंचमी पर पारंपरिक तरीके से मेले आयोजित किये गए। जिनमे झूला खेल.तमाशों के अलावा सम्पन्न हुई दंगल प्रतियोगिताओं ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। महिलाओं ने मेले में आई दुकानों पर जमकर खरीददारी की।
मंगलवार का दिन होने के कारण हनुमान मंदिर में भक्तों की भीड़ के कारण तिल धरने की जगह नही रही। उधर महोबा एवम आसपास के क्षेत्र में पान उत्पादक चौरसिया परिवारों ने नाग पंचमी के पर्व को खास धार्मिक महत्व के साथ मनाया। उन्होंने आज न सिर्फ अपना कारोबार बंद रखा बल्कि पान बरेजों में विशेष पूजन.अनुष्ठान सम्पन्न किया। मालूम रहे कि पान को नागबेल भी कहा जाता है। मान्यता है कि पाताल लोक के राजा वसुकि ने पृथ्वी को नागबेल उपहार में दी थी।