आगरा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों और जिन लोगों ने 55 वर्षों तक देश और प्रदेश में शासन किया, उनका ध्यान कभी स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधार पर नहीं गया।
श्री याेगी ने कोरोना वारियर्स के सम्मेलन में कहा कि प्रदेश में 1947 से लेकर 2017 तक 69 वर्षों में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बने थे, लेकिन 2017 से लेकर 2021-22 तक हम 33 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रहे हैं। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में यह चेंज और इस जज्बे ने कोरोना जैसी महामारी के सामने जब अमेरिका जैसी बड़ी-बड़ी ताकतें और यूरोप जैसे विकसित देश पस्त होते दिखाई दे रहे थे, तब भारत मजबूती के साथ इस महामारी से लड़ते हुए दिखाई दे रहा था।
उन्होंने कहा कि किसी भी महामारी के लिए भारत में वैक्सीन पहली बार इतनी जल्दी उपलब्ध हो पाया है। इससे पहले, आज तक डेंगू, स्वाइन फ्लू, सॉर्स, किसी भी बर्ड फ्लू, एक्यूट इंसेफेलाइटिस का कोई वैक्सीन नहीं आ पाया लेकिन कोरोना महामारी के नौवें महीने में एक नहीं दो-दो वैक्सीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के अंदर उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य है। छह करोड़ 75 लाख टेस्ट कर चुके हैं। प्रदेश में पांच करोड़ 35 से अधिक लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करा दिया गया है। इसमें दो करोड़ से 21 लाख से अधिक युवा हैं। वैक्सीन के लिए तमाम प्रकार से गुमराह करने का प्रयास हो रहा है।
श्री योगी ने कहा कि मार्च 2020 में आगरा में कोरोना का पहला केस आया था, तब एक भी लैब प्रदेश में नहीं थी। यहां मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने की भी सुविधा नहीं थी। भारत सरकार के सहयोग से आज प्रदेश चार लाख टेस्ट रोजाना करने की क्षमता विकसित कर चुका है। आज हमारे पास दो लाख एल 1, एल 2 और एल 3 फैसेलिटी के बेड हैं। 75 में से 36 ऐसे जिले थे, जहां एक भी आईसीयू बेड नहीं था। आज हर जिले में सौ बेड मौजूद हैं। केवल दूसरी लहर को नियंत्रित ही नहीं किया, बल्कि तीसरी लहर की आहट के बीच में पहले से तैयारी कर ली है। अब उत्तर प्रदेश में चिकित्सा के अभाव में भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, यह प्रधानमंत्री के कारण ही संभव हो पाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान संसाधन अकसर कम पड़ते हैं और यह तो सदी की सबसे बड़ी महामारी थी। ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य केन्द्र सरकार ने युद्ध स्तर पर किया था। आज उत्तर प्रदेश में हर जिले को ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम हो रहा है। 552 ऑक्सीजन प्लांट वर्तमान में अलग-अलग जिले में हम लगा रहे हैं, जिसमें से करीब तीन सौ लगा चुके हैं और 252 ऑक्सीजन प्लांट को अगले कुछ दिनों में शुरू करेंगे। ऑक्सीजन की किल्लत न होने पाए, इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 24 से 25 करोड़ की आबादी है। इसके बावजूद आज प्रदेश में न्यूनतम 0.01 फीसदी पॉजिटिविटी दर है। डब्ल्यूएचओ ने माना है कि पांच प्रतिशत से कम की पॉजिटिविटी रेट को सेफ मान सकते हैं, लेकिन हम उससे भी न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुके हैं। कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है।