Breaking News

पीएम मोदी की राज्यों से नया वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर करने की अपील

नई दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने के लिये राज्यों को संबंधित विधेयक पारित कराने के लिये बिना देरी के पहल करनी चाहिए। नीति आयोग की संचालन परिषद की रविवार को यहां आयोजित तीसरी बैठक के समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने राज्यों, स्थानीय निकायों तथा गैर-सरकारी संगठनों से 2022 तक के लिये अपने लक्ष्य तय करने तथा उसे हासिल करने के लिये मिशन के रूप में काम करने का अनुरोध किया।

गांवों को 24 घंटे बिजली देने के लिये, मुख्यमंत्री योगी ने लगायी जरूरी शर्त

कहा था कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर आम सहमति एक राष्ट्र, एक आकांक्षा, एक संकल्प को दर्शाता है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्य वर्धित कर (वैट) तथा अन्य स्थानीय निकायों को समाहित करने वाली नयी वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटी) को एक जुलाई से लागू करने का लक्ष्य है। संसद पहले ही जीएसटी कानून से जुड़े विधेयकों को पारित कर चुकी है और नई कर व्यवस्था के सुचारू तरीके से क्रियान्वयन के लिये अब राज्यों को अपने अपने यहां राज्य जीएसटी विधेयक अलग से विधेयक पारित करने की आवश्यकता है।

एक दलित उद्योगपति ने बदली, सैकड़ों की किस्मत

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि जीएसटी के लिये विधायी व्यवस्था बिना देरी के की जानी चाहिए। इससे पहले, मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में

प्रधानमंत्री ने राज्यों से वस्तु एवं सेवाओं की खरीद के लिये सरकारी ई-मार्केटप्लेस पोर्टल का उपयोग कने को कहा क्योंकि इससे सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार में कमी लाने तथा पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भीम और आधार जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग राज्यों को उल्लेखनीय बचत होगी।

यूपी मे नही रूक रहे अपराध, दलित महिला से गैंगरेप, हाथ- पैर काटकर रेलवे ट्रैक पर फेंका

प्रधानमंत्री ने जिला खनिज, क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) तथा निर्माण क्षेत्र के कर्मचारियों कल्याण जैसे कोष से राज्यों के संसाधन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने नीति आयोग से राज्यों द्वारा इस प्रकार के कोष के बेहतर उपयोग के लिये रूपरेखा तैयार करने को कहा।

बेटी पैदा होने पर इस नेशनल प्लेयर को मिली ये सजा……….

बजट पेश करने की तारीख में बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब हमारे देश में कृषि आय महत्वपूर्ण है, तो ऐसे में संबंधित वर्ष की कृषि आय की प्राप्ति के बाद तुरंत बजट तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर किये जाने का सुझाव है। बयान के अनुसार, उन्होंने राज्यों से इस संदर्भ में पहल करने को कहा।

जांच मे ‘मिट्टी घोटाला’ निकला फर्जी, बीजेपी पर लालू परिवार को बदनाम करने का लगा आरोप