लखनऊ, अगले साल होने वाले आमचुनाव में केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की विदाई का दावा करते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि 2024 में पिछड़ा,दलित,अल्पसंख्यक यानी पीडीए की एकता राजग पर भारी पड़ेगी।
अखिलेश यादव ने यहां जारी बयान में कहा “ भाजपा सन् 2014 में सत्ता में जैसे आई थी सन् 2024 में उसकी वैसे ही यूपी से विदाई होगी। हमारा नारा है 80 हराओं-भाजपा हटाओ। इसलिए 2024 में पीडीए- पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यकों की एकता एनडीए- भाजपा गठबंधन पर भारी पड़ेगी। सन् 2024 में महंगाई, बेरोजगारी, गरीब का सम्मान और उसे न्याय तथा सुविधाएं दिलाना बड़ा मुद्दा होगा। गरीब, किसान, नौजवान भाजपा के खिलाफ वोट करेगा।”
उन्होने कहा कि विपक्षी एकता का फार्मूला यही हो सकता है कि जो दल जिस प्रदेश में मजबूत हो उसको आगे करके ही बाकी दल चुनाव लड़े। चुनाव और एकता के लिए बड़े दिल की जरूरत होती है। जो दल भाजपा को हराना चाहते है वे समाजवादी पार्टी का साथ देने में बड़ा दिल दिखाएं। समाजवादी पार्टी का लक्ष्य भाजपा को प्रदेश की सभी 80 सीटों पर हराना है। जनता बदलाव चाहती है।
अखिलेश यादव ने कहा प्रदेश की भाजपा सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है। उनके 6 साल के कार्यकाल में न एक जिला चिकित्सालय बना, नहीं एक एयरपोर्ट बना। प्रदेश में निवेश आने की बड़ी उम्मीदें थी, हकीकत में निवेशक ढूंढे़ नहीं मिल रहे हैं। समाजवादी सरकार में बिना इन्वेस्टमेंट मीट किए यूपी में एचसीएल आया, सैमसंग का प्लांट लगा।
उन्होने कहा कि जिसकी तैयारी जमीन पर होगी वही लड़ पायेगा। भाजपा बड़ी-बड़ी कम्पनियों को हायर कर, पैसों से चुनाव लड़ती है। भाजपा से लड़ने के लिए समाजवादी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को जमीन पर तैयार कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने समाजवादी पार्टी को बड़े पैमाने पर वोट दिया था। उन्होंने कहा कि आज महंगाई चरम पर है। किसान को फसल की कीमत नहीं मिली। भाजपा ने स्वास्थ्य, पुलिस सेवाएं सब खराब कर दी। समाजवादी पार्टी भाजपा को हरायेगी। जनता की उम्मीदों को पूरा करेगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने मंडी नहीं बनायी। किसानों को उनकी फसल की कीमत नहीं मिल रही है। पिछड़े, दलितों को नौकरियां नहीं मिल रही है। आउटसोर्स पर और कांटैक्ट पर काम कराए जा रहे हैं। निजी क्षेत्र में आरक्षण मिलना चाहिए। भाजपा सरकार क्यों निजीकरण की तरफ जा रही है।