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पीलीभीत में सिमरनजीत के घर पर खुशियों का माहौल

पीलीभीत, टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हाकी टीम ने जर्मनी को चार के मुकाबले पांच गोल से हराकर कांस्य पदक अपने नाम करने वाले खिलाडियों में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के लाल सिमरनजीत ने दो गोल कर पीलीभीत को दुनिया के नक्शे पर ला दिया।

जर्मनी पर पहला गोल दागने वाला पीलीभीत जिले के मझारा गांव के लाल सिमरनजीत सिंह ने एक के बाद एक दो गोल दागे। इसके अतिरिक्त तीसरा पेनल्टी कार्नर बना कर टीम के अन्य साथियों को दिया जिसे गोल में बदलकर भारत को विजय श्री दिलाई और भारतीय हॉकी टीम का कांस्य पदक पर कब्जा हो गया। पीलीभीत के लिए यह क्षण अत्यंत महत्वपूर्ण थे।

सिमरनजीत के पिता इकबाल सिंह ने मिडिया से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते कहा कि देश वासियों की दुआओं का असर है कि भारतीय टीम ने पूरे आयोजन में केवल दो मैच हारे बाकी टीम अद्वितीय खेल की वजह से विजयी रही।

जर्मनी को मैच के अंतिम समय में एक पेनल्टी कार्नर मिला, पर वह अवसर भुना नहीं सके। उत्साह और भावानाओं की टोक्यों से आई खुशी की लहर पीलीभीत तक पहुंची। यहां सिमरनजीत के परिजन बल्लियों उछल पड़े। यही नहीं पंजाब में सिमरनजीत के ताऊ रक्षपाल सिंह और पहले कोच रंजीत सिंह व आस्ट्रेलिया में सिमरनजीत के भाई अर्शदीप की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सभी भांगड़ा करते हुए अपनी खुशी को प्रदर्शित करते देखे गए।

भारतीय टीम 41 साल के लंबे अतंराल के बाद ओलंपिक में खोए गौरव को पाने में कामयाब रही है। इसके पीछे इस छोटे से जिले पीलीभीत के लाल सिमरनजीत का कमाल भी बेमिसाल रहा। इतना ही नही पीलीभीत के सिमरनजीत के साथ पूरी टीम का यह प्रदर्शन बेजोड़ साबित हुआ।