पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ का कहर, सेना से मांगी गयी मदद

 

गोरखपुर,  नेपाल के बांधों से छोड़े गए पानी और वहाँ हो रही लगातार वर्षा के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गम्भीर हो गयी है। गोरखपुर में जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य में सेना से मदद मांगी है। गोरखपुर जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार गोरखपुर-नेपाल मार्ग पर मानीराम कस्बे और राजमार्ग पर रोहिन नदी का पानी भर गया है, जिससे नेपाल जाने वाले गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है।

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 जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने जिले के सभी स्कूलों को शनिवार तक बंद करने के आदेश जारी कर दिये हैं। उन्होंने राहत और बचाव कार्य के लिये सेना से मदद मांगी है। जिले के कम्पीयरगंज क्षेत्र में परसों पानी के दबाव के कारण क्षतिग्रस्त हुए रोहिन नदी के तटबंध की मरम्मत किये जाने से गोरखपुर शहर के कुछ मोहल्लों को बाढ़ से राहत मिली थी, लेकिन आज सुबह तटबंध से फिर रिसाव होने से कुछ इलाकों में हालात खराब हो गये हैं। सूत्रों के अनुसार जिले के 105 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें से 35 गाँव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

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 राष्ट्रीय आपदा राहत बल के दल 169 नावों की मदद से बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन, पानी इत्यादि पहुंचा रहे हैं। इस बीच, बाढ़ के कारण गोरखपुर-सोनौली सड़क मार्ग बंद होने और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर से आनंद नगर होते हुए बढ़नी तक दो विशेष रेलगाड़ियां चलाने का निर्णय लिया है। मालूम हो कि प्रदेश पूर्वी भाग के कई इलाके इस वक्त भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, अयोध्या, लखीमपुर खीरी, महराजगंज और गोण्डा में बाढ़ कहर बरपा रही है। इन जिलों में हजारों हेक्टेयर फसल भी बाढ़ के कारण डूब गयी है।

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 बस्ती जिले में बाढ़ का पानी लखनऊ-गोरखपुर मार्ग के नजदीक पहुंच गया है। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राप्ती नदी बलरामपुर, बांसी , रिगौली  और बर्डघाट  में खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। बूढ़ी राप्ती नदी ककरही  तथा उस्काबाजार  में, रोहिन नदी त्रिमोहानीघाट  और क्वानो नदी चंद्रदीपघाट में लाल निशान से ऊपर बह रही है। घाघरा नदी का जलस्तर अयोध्या में खतरे के निशान से काफी ऊपर है। वहीं, एल्गिनब्रिज  और तुर्तीपार  में भी यह लाल निशान से ऊपर बह रही है। शारदा नदी का जलस्तर पलियाकलां  में खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।