नई दिल्ली, राज्यसभा के पूर्व सांसद महमूद ए मदनी को एलसीटी घोटाले में यहां की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी। उन्होंने कथित तौर पर गलत दावे पेश किए थे जिससे सरकारी खजाने को 5.75 लाख रूपये का घाटा हुआ था। विशेष सीबीआई न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने मदनी को 50,000 रूपये के निजी मुचलके पर यह राहत दी । इस मामले में मदनी के पूर्व पीए मोहम्मद मुबाशीर को भी इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दी गई। अदालत ने दस्तावेजों की जांच के लिए मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को मुकर्रर की है। अदालत ने मदनी और मुबाशीर के खिलाफ सीबीआई के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए उन्हें अदालत में पेश होने को कहा था।
मदनी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल के नेता हैं। अदालत ने कहा था कि कथित धोखाधड़ी, जालजासी, आपराधिक साजिश रचने के लिए भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत उन्हें समन भेजने के लिए सबूत पर्याप्त हैं। अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2012 में तब राज्यसभा सदस्य मदनी ने मुबाशीर के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और जाली ई-टिकट के आधार पर यात्रा भत्ता (टीए) जमा कराया। इस तरह राज्यसभा सचिवालय को धोखा दिया, जिससे विभाग को 5,75,13 रूपये की चपत लगी जबकि इसका फायदा खुद उन्हें मिला।