प्रयागराज, वाराणसी से प्रयागराज के बीच रेल मार्ग को सुगम बनाने के लिए दारागंज से झूंसी के बीच 495 करोड़ रूपए की लागत से नए रेल पुल का निर्माण होने से यह सफर आसान हो जाएगा।
प्रयागराज रामबाग- वाराणसी रेल मार्ग में गंगा नदी पर अभी तक केवल एक ही रेल पुल था जिसमें सिंगल ट्रैक होने की वजह से झूंसी और रामबाग रेलवे स्टेशन में ट्रेन को देर तक रोकना पड़ता था। अब इस 1937 मीटर लंबे नए रेल पुल के बन जाने से यात्रियों को इंतजार नहीं करना होगा क्यों कि यह उबल ट्रैक वाला रेल पुल है। झूंसी-दारागंज के मध्य गंगा नदी पर यह रेल पुल सबसे अहम कड़ी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस पुल की संरचना स्फेरिकल बेयरिंग पर आधारित है जो इसे बेहद टिकाऊ बनाती है। पुल के पिलर की नीव 50 मीटर गहराई तक भारतीय कुआं शैली में निर्मित है। पुल अगले एक सौ वर्षों तक सुरक्षित रहेगा और 25 वर्षों तक बिना किसी बदलाव के दोगुने से अधिक ट्रेनों का भार संभालने में सक्षम होगा।
उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे ने सनातन संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केन्द्र प्रयागराज और वाराणसी के बीच यात्रा को और अधिक तेज तथा सुगम हो जाएगा। प्रयागराज और वाराणसी के बीच की दूरी 120 किलोमीटर है । इस ट्रैक पर प्रयागराज से वाराणसी के बीच ट्रेनों के परिचालन की औसत गति 100 से 130 किलाेमीटर की रफ्तार हो सकेगी। अभी इस ट्रैक पर प्रयागराज से वाराणसी के बीच वंदे भारत की रफ़्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी प्रयागराज एक दिवसीय यात्रा में इस परियोजना का शुभारंभ करेंगे।