नई दिल्ली, प्रसव पीड़ा से तड़पता शरीर जब हिल भी न पाए, इस महिला दास्ता ऐसी दास्ता थी. एक स्पेनिश फिल्म है- “टॉक टू हर.” फिल्म में एक लड़की है एलीशिया, जो काफी समय से कोमा में पड़ी हुई है. एक बार जब अचानक उसके पीरियड्स मिस होते हैं तो डॉक्टरों को पता चलता है कि वो तो प्रेग्नेंट है. शक की सूई उस लड़के की ओर घूमती है, जो महीनों से उसका अटेंडेट है.
फिलहाल यहां उस फिल्म के जिक्र का मकसद ये है कि ऐसी ही एक फिल्मी कहानी हकीकत में सामने आई है. अमेरिका के फीनिक्स में एक महिला, जो पिछले 14 सालों से अस्पताल में भर्ती थी और कोमा में थी, उसने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है. चूंकि महिला कोमा में थी तो जाहिर है, एक तरह से यह मामला यौन उत्पीड़न का है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है, लेकिन इस घटना ने कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं.
अस्पताल में किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह प्रेग्नेंट है. 29 दिसंबर को महिला ने बच्चे को जन्म दिया. ऐसे में सवाल यह उठता है कि चूंकि वह खुद कोमा में थी, इसलिए यह मुमकिन है कि किसी को इस बात का पता न हो, लेकिन क्या डॉक्टरों को भी इस बात की जानकारी नहीं थी.
मेडिकल साइंस कहता है कि कोमा में होने पर भी मनुष्य के शरीर की बाकी गतिविधियां अपनी सामान्य गति से चलती रहती हैं. सांस चलती रहती है, धमनियों में रक्त प्रवाहित होता रहता है, मेटाबॉलिज्म सुस्त हो जाता है लेकिन सक्रिय रहता है. बाकी गतिविधियों की तरह स्त्रियों का मासिक चक्र भी चलता रहता है. फिल्म टॉक टू हर में लड़की के प्रेग्नेंट होने का पता उसका पीरियड न होने के कारण ही चलता है. ऐसे में सवाल उठता है कि यह कैसे मुमकिन है कि महिला को नौ महीने तक पीरियड्स नहीं हुए और डॉक्टरों को इस बात की भनक भी नहीं लगी.