नई दिल्ली,केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने सातवें वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार कथित तौर पर अपने न्यूनतम वेतन में अतिरिक्त बढ़ोतरी की मांग की है. ये मांग बेहद लंबे समय से चली आ रही है जिसे दोबारा सरकार के संज्ञान में लाया जा रहा है. नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार की वापसी के साथ, कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही अपने न्यूनतम वेतन में वृद्धि प्राप्त करेंगे.
वर्तमान में, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये मिलता है. कर्मचारी इस न्यूनतम वेतन से संतुष्ट नहीं हैं. इसलिए, वे कथित तौर पर न्यूनतम वेतन में 8,000 रुपये की वृद्धि की मांग कर रहे हैं. इस प्रकार वे न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये की मांग कर रहे हैं. विशेष रूप से, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को वर्ष 2016 में लागू किया गया था. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को 2,57 गुना फिटमेंट फैक्टर के साथ 18,000 रुपये किया गया था. हालांकि, कर्मचारी 3.68 बार फिटमेंट फैक्टर के साथ न्यूनतम मूल वेतन 26,000 रुपये करने की मांग कर रहे थे. ऐसी खबरें थीं कि सरकार फिटमेंट फैक्टर के साथ मूल वेतन को 3 गुना करने पर विचार कर रही थी
इसके अलावा, वेतन आयोग ने पहले सिफारिश की थी कि पे मैट्रिक्स को समय-समय पर लंबे समय तक इंतजार किए बिना समय-समय पर समीक्षा की जा सकती है और केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा अयकरोइड फार्मूले के आधार पर की जा सकती है, जो गठित होने वाली वस्तुओं के परिवर्तन मूल्यों को ध्यान में रखता है. इस संबंध में जल्द से जल्द एक निर्णय लेने की संभावना है.