कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शनिवार को यहां भाजपा के खिलाफ बहुत बड़ा प्रदर्शन करने की योजना के बीच मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने तृणमूल कांग्रेस की मेजबानी वाली विपक्ष की इस महारैली के लिए अपने वरिष्ठ नेता सतीशचंद्र मिश्रा को चुना है।
तृणमूल कांग्रेस के अलावा इस रैली में कांग्रेस, तेदेपा, सपा, राजद, जदएस, राकांपा, द्रमुक, नेशनल कांफ्रेंस, आम आदमी पार्टी (आप) आदि दलों के नेताओं के नजर आने की संभावना है। रैली में मंच पर साथ नजर आने वाले ये दल आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र की भाजपा नीत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को हटाने का स्पष्ट आह्वान करेंगे। 19 जनवरी की रैली की तैयारियों का जायजा लेने के लिए ब्रिगेड परेड ग्राउंड का दौरा करने के बाद बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह रैली भाजपा के लिए विदाई की आहट होगी।’’
एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि सभी विपक्षी पार्टियां आम चुनाव से पहले एक मंच पर होंगी जो भारतीय राजनीति के लिए निर्णयकारी क्षण होगा। पार्टी नेताओं ने कहा कि बसपा ने रैली में हिस्सा लेने की पुष्टि कर दी है। हालांकि बसपा प्रमुख मायावती नहीं आएंगी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीशचंद्र मिश्रा रैली में शामिल होंगे। इस सभा में सपा के अखिलेश यादव, राजद के अजीत सिंह और जयंत चौधरी भी हिस्सा लेंगे। एक तृणमूल नेता ने कहा कि बसपा के आने की पुष्टि के साथ ही अब यह स्पष्ट हो गया है कि सभी बड़े विपक्षी दल– कांग्रेस, राकांपा, नेशनल कांफ्रेंस, सपा, आप, द्रमुक, जदएस और तेदेपा इस रैली में भाग लेंगे।
इस रैली में जो नेता मौजूद रहेंगे, उनमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और जनता दल सेकुलर (जदएस) के नेता पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा शामिल हैं। नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला, द्रमुक के एम के स्टालिन और कई अन्य महत्वपूर्ण नेता भी रैली में उपस्थित रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि इस रैली में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के कई गैर भाजपा दल नजर आयेंगे।
हालांकि माकपा की अगुवाई में वामदलों ने रैली में नहीं जाने का फैसला किया है। कांग्रेस का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी मौजूद नहीं रहेंगी। तृणमूल ने कहा है कि 19 जनवरी की ‘रैलियों की रैली’ केंद्र की भाजपा सरकार के लिए विदाई की आहट होगी और ‘‘(यह रैली) हमारे महान राष्ट्र की बेहतरी के लिए बहु प्रतीक्षित बदलाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए होगी।’’
तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘इस बार आप देखेंगे कि ब्रिगेड ग्राउंड के पिछले सारे रिकार्ड टूट जायेंगे और यह ऐसा रिकार्ड होगा जिसे अगले कई दशकों तक नहीं तोड़ा जा सकता। ’’