लखनऊ, बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रामअचल राजभर ने कहा कि बी.एस.पी. के पक्ष में मजबूत हवा को देखते हुये आर.के. चौधरी ने अपना वायदा तोड़ा है। उन्होने कहा कि आर.के. चौधरी ने सन् 2014 में लोकसभा का आमचुनाव लखनऊ में मोहनलालगंज (सुरक्षित) सीट से लड़ा था और वे चुनाव हार भी गये थे। परन्तु 2017 में बी.एस.पी. के पक्ष में मजबूत हवा को देखते हुये आर.के. चौधरी ने अपना वायदा तोड़ते हुये विधानसभा चुनाव मोहनलालगंज से लड़ने की माँग की। इस पर उन्हें समझाया गया कि उनका वायदा था कि वे लोकसभा आमचुनाव ही लड़ेंगे और बाकी समय वह पार्टी संगठन में काम करेंगे, तो यह नया चुनाव स्वार्थ क्यों? बी.एस.पी. हाई कमान द्वारा विधानसभा आमचुनाव में टिकट दिये जाने से साफ इन्कार कर दिये जाने पर पार्टी संगठन में इनकी दिलचस्पी कम देखी गयी थी, जिस पर पार्टी की पैनी नजर थी। आर.के. चौधरी बी.एस.पी. को दोबारा छोड़कर गये हैं। यह उनका व्यक्तिगत स्वार्थ है। वह पहले भी अकेले गये थे और उनके जाने का पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। आज फिर वह व्यक्तिगत स्वार्थ में बी.एस.पी. को छोड़कर अकेले गये हैं। उनके जाने से बी.एस.पी. मूवमेन्ट के कारवाँ पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।
बी.एस.पी. प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने कहा कि बी.एस.पी. में स्वार्थी किस्म के लोगों के लिये कोई स्थान नहीं है। आर.के. चौधरी द्वारा दोबारा से बी.एस.पी. छोड़कर जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये उन्होंने अपने बयान में कहा कि उनके जाने से ना तो पहले पार्टी पर कोई प्रभाव पड़ा था और ना ही अब कोई प्रभाव पड़ने वाला है। सर्वविदित है कि आर.के. चौधरी अपने स्वार्थ के कारण ही पहले पार्टी छोड़कर गये थे और फिर बाद में अपनी गलती की माफी माँग कर बी.एस.पी. में वापस आ गये थे और उन्हें पार्टी में पूरा आदर-समान दोबारा दिया गया।