लखनऊ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया। घोषणा पत्र में प्रदेश की जनता से अपेक्षा की गई है कि वह 17वीं विधान सभा में भाकपा एवं उसके द्वारा समर्थित अन्य वामपंथी दलों के प्रत्याशियों को मजबूती से और बड़ी संख्या में जिता कर भेजें तथा साम्प्रदायिक, अमीरपरस्त एवं जातिवादी ताकतों को परास्त करें। पार्टी के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने बताया कि घोषणा पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की विधान सभा के 2017 के चुनावों के निर्णय, देश और प्रदेश के भविष्य के लिए युगान्तरकारी साबित होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने पिछले 10 वर्षों में पूर्ण बहुमत की सरकारों को देखा है। इन 10 वर्षों में जनता के जीवनस्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि कठिनाईयों में वृद्धि ही हुई है। डॉ. गिरीश ने कहा कि केन्द्र में बैठी सरकार ने जनता के जीवन को और भी कठिन बना दिया है। उसने नोटबंदी करके आम जनता को भारी मुसीबत में ढकेला है और वह काला धन आज तक सरकार के हाथ में नहीं आया जिसका इतना ढ़िंढ़ोरा पीटा गया।
घोषणापत्र में जनता के तमाम तबकों के बारे में पार्टी के नजरिये को रखा गया है और उसमें समाज के सभी वर्गों और क्षेत्रों के लिए व्यवहारिक वायदे किये गये हैं। घोषणापत्र में भ्रष्टाचारविहीन तथा ईमानदार राजनीति, आम जनता के हितों, समाचार माध्यमों के कर्मियों की सेवा सुरक्षा, सार्वजनिक क्षेत्र एवं आधारभूत ढांचे की रक्षा, अल्पसंख्यकों के विकास, उनकी सुरक्षा एवं उनके उन्नयन की योजनायें और पुलिस प्रशासन में जनपक्षीय सुधार की प्रक्रिया की बात कही गई है। इसके अलावा जल प्रबंधन की योजनायें, विज्ञान एवं प्राद्योगिकी का जनता को समृद्ध करने के लिए इस्तेमाल, धर्मनिरपेक्षता की पक्षधरता तथा साम्प्रदायिक कट्टरपंथ का विरोध, संसदीय लोकतंत्र की रक्षा, जनता के आवास के साथ उसके जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की को सुनिश्चित करने के मुद्दे उठाये गये हैं।
घोषणापत्र में विधान सभा एवं विधान परिषद की साल भर में कम से कम 100 दिनों तक बैठकों के आयोजन को सुनिश्चित करने की भी बात उठाई गई है तथा कहा गया है कि भ्रष्टाचार को बढावा देने वाली विधायक निधि को बंद किया जाये।
घोषणापत्र के मुख्य बिंदु…
विद्यार्थियों तथा नौजवानों के लिये -सभी स्कूल/कालेजों में इंटरनेट सुविधा युक्त कम्प्यूटर तथा विज्ञान की प्रयोगशालाओं की स्थापना के साथ वैज्ञानिक शिक्षण को लागू करना।
शत-प्रतिशत साक्षरता की दिशा में आवश्यक कदम उठाना। प्राइमरी स्कूलों में ड्रॉप आउट रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य।
रोजगार मुहैया कर सकने वाली निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था। महिलाओं एवं बच्चों के लिये -संसद एवं विधायिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण का कानून बनवाना।
समान काम के लिए समान वेतन और विकास के समान अवसर। दलितों, आदिवासियों तथा पिछड़ी जनता के लिए -रिक्त पड़े आरक्षित पदों पर नियुक्तियां।
आदिवासियों के भूमि अधिकारों की रक्षा, गैर कानूनी ढंग से उनसे ली गयी जमीनों को उन्हें वापस करना। बुनकरों तथा अन्य दस्तकारों के लिए -यू.पी-हैण्डलूम कारपोरेशन को बहाल किया जायेगा जिससे बुनकरों एवं अन्य दस्तकारों के उत्पादों की बिक्री संभव हो सके।
बंद कताई मिलों को दुबारा चालू किया जायेगा।
बुनकरों एवं दस्तकारों को रियायती दर पर बिजली और सूत मुहैय्या कराना।
हथकरघा वस्त्रों तथा अन्य उत्पादों के निर्यात के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करना। उन्हें ब्याज मुक्त ऋण दिलाना। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिए -सभी जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला एवं महिला अस्पतालों का उच्चीकरण।
ब्लाक, न्याय पंचायत और पंचायत स्तर पर सरकारी क्षेत्र में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था।
मंडल मुख्यालय पर मेडिकल कालेजों की स्थापना।
अस्पतालों में रिक्त चिकित्सकों तथा अन्य कर्मचारियों के रिक्त पड़े पदों को भरा जाना। अल्पसंख्यकों के बारे में -रंगनाथ मिश्र आयोग तथा सच्चर कमेटी की अनुशंसाओं को लागू करना।
अल्पसंख्यकों के शैक्षिक तथा आर्थिक उन्नयन के लिए उचित कदम। पुलिस सुधार -पुलिस कानून 1861 को निरस्त कर उसके स्थान पर राष्ट्रीय पुलिस आयोग की सिफारिशों के अनुसार लोकतांत्रिक कानून बनाना।
पुलिस हिरासत में मौतों को रोकना और इस तरह की किसी भी घटना पर कठोर तथा त्वरित कार्यवाही।