इलाहाबाद, भाजपा ने संभवतः नुकसान भरपाई करने की कोशिश करते हुए स्पष्ट किया है कि उसने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को उनके धर्म के चलते टिकट देने से इनकार नहीं किया है। भाजपा ने जोर देते हुए कहा कि पार्टी घोषणापत्र में तीन तलाक का जिक्र अल्पसंख्यक महिलाओं के कल्याण के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को जाहिर करता है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह और आधिकारिक प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने रविवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चुनावी राज्य में अल्पसंख्यकों के हितों की हिफाजत में पार्टी की स्थिति का बचाव किया। उन्होंने कहा, यदि डर से भारी संख्या में लोग अपना घर बार छोड़ कर भागते हैं तो यह किसी भी जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी के लिए चिंता का विषय है। इस समस्या को धार्मिक जुड़ाव के चश्मे से नहीं देखें। उन्होंने राज्य के मुस्लिम बहुल कैराना से हिंदुओं के भारी संख्या में पलायन का जिक्र करते हुए यह कहा।
गौरतलब है कि भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने शनिवार को यह कह कर एक विवाद छेड़ दिया था कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं उतारा है क्योंकि उसे इस समुदाय से जीतने लायक कोई उम्मीदवार नहीं मिला। उन्होंने राजस्थान के कोटा में संवाददाताओं से कहा था, भाजपा ने उत्तर प्रदेश में किसी भी विधानसभा सीट के लिए मुसलमान को टिकट नहीं दिया है क्योंकि पार्टी को एक भी ऐसा उम्मीदवार नहीं मिला, जो जीत सुनिश्चित कर सकता हो। उन्होंने कहा था कि चुनाव में जाति आधार पर टिकट बंटवारा अनिवार्य था। उन्होंने कहा, जब आरक्षण जाति के आधार पर दिया जा सकता है, तो पार्टी का टिकट जाति के आधार पर क्यों नहीं बांटा जा सकता?
हालांकि, सिंह के साथ हुसैन ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा के द्वारा पार्टी के टिकट का वितरण सिर्फ योग्यता पर आधारित है। भाजपा नेताओं ने कहा, हम धर्म के नाम पर लोगों के खिलाफ भेदभाव में यकीन नहीं रखते हैं। यही कारण है कि हम धार्मिक आधार पर नौकरियों में आरक्षण देने के खिलाफ हैं। हमारी पार्टी सब की भलाई के लिए काम करने में यकीन रखती है। हमने पार्टी की सत्ता वाले सभी राज्यों में और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तहत केंद्र में इस रूख को दिखाया है। नेताओं ने कहा कि वहीं दूसरी ओर मुसलमानों को टिकट देने को मुद्दा बनाने वालों को उनकी दशा के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेताओं ने कहा, हमने इस मुद्दे पर सिर्फ अपना वादा दोहराया है। विधायी रास्ते से मंदिर निर्माण के लिए केंद्र और राज्य, दोनों स्तरों से कानून की जरूरत होगी। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से अब तक 370 के लिए उम्मीदवार घोषित किए हैं।