भाजपा सरकार के लिये वृक्षारोपण अभियान सिर्फ एक इवेंट: अखिलेश यादव

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि वृक्षारोपण अभियान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के लिये एक और इवेंट के सिवा और कुछ नहीं है।

अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार की माने तो अब तक वह 200 करोड़ से अधिक वृक्ष लगा चुकी है मगर यह नहीं बताया गया कि इतनी संख्या में वृक्षों के लिये जमीन का इंतजाम कहां से किया क्योंकि एक हजार एकड़ भूमि में एक लाख 24 हजार पेड़ लगते हैं तो भाजपा के दावे वाले पेड़ कहां लगेंगे। समाजवादी पार्टी की सरकार में पारिजात बरगद के पेड़ लगाए गये थे। मौसमी फल के पौधे लगाए गए थे। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे पेड़ लगे हैं। भाजपाई नकल करते है पर अच्छा काम नहीं कर पाते।

उन्होने कहा कि भाजपा की सरकार लोकतंत्र का मजाक बना रही है। चुनाव में धांधली करना भाजपा अपना अधिकार समझती है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वोट लूटकर चुनाव जीता था। सपा ने 18 हजार मतदाताओं की सूची चुनाव आयोग को दी थी जिनके नाम 2022 के चुनाव में कटे थे अभी तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। अयोध्या में एक बुजुर्ग छह वोट डाल आये थे। मिल्कीपुर में, मुरादाबाद, कुंदरकी, मीरापुर सभी जगह धांधली उजागर हुई। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को इसलिए सजग रहना है।

अखिलेश  यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता में स्कूल नहीं है। बच्चे स्कूल गए तो वहां ताला लगा मिला। स्कूल और पोलिंग बूथ दूर-दूर बनाएं जा रहे है। दूर-दूर बूथ बनाने से मतदाता परेशान होंगे। भाजपा सरकार के मंत्री और अधिकारी एक दूसरे की खिलाफत में है। भाजपा सरकार में बंटवारे का झगड़ा शुरू हो गया है।

उन्होने कहा कि भाजपा सरकार में जिस पर जिस काम की जिम्मेदारी है वह उस काम को नहीं कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार बनने पर विकास का रास्ता खुलेगा। किसानों, नौजवानों की जिंदगी में खुशहाली आएगी। समाज के प्रत्येक वर्ग को सम्मान जनक जीवन मिलेगा। सबको 2027 में भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना होगा।

इस अवसर पर सिद्धार्थनगर के राकेश यादव ने बताया कि उसके परिवार का नाम पिछले चुनाव में मतदाता सूची से हटाया गया तो उसने जन सूचना चुनाव आयोग, जिलाधिकारी तक फरियाद की। समाजवादी कार्यालय के पत्र पर एफआईआर लिखी गई। अभी उसका ऑनलाइन नाम दर्ज हुआ है।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रताप सिंह ने यश भारती सम्मान बंद किए जाने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने समाज के किसी भी क्षेत्र में काम की पहचान के लिए यश भारती सम्मान शुरू किया था। कवियो, लेखको, कलाकारों, पहलवानों और समाजसेवियों को सम्मानित किया गया था। इस परम्परा को

अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में जारी रखा और न केवल यश भारती सम्मान दिया अपितु पेंशन की भी व्यवस्था की।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर हम उत्तर प्रदेश के टैलेंट को सम्मान देने का काम करेंगे। यश भारती सम्मान फिर शुरू करेंगे और पेंशन भी देंगे। इस अवसर पर रामगोविन्द चौधरी पूर्व नेता विरोधी दल विधानसभा, राजेन्द्र चौधरी पूर्व कैबिनेट मंत्री, श्याम लाल पाल प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी पार्टी, रमाशंकर विद्यार्थी राजभर सांसद, राममूर्ति वर्मा, राजेन्द्र कुमार, पवन पाण्डेय आदि मौजूद रहे।

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