
नौसेना के अनुसार पिछले दस वर्षों में उसने सरकार के क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) दृष्टिकोण के अनुरूप समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र की समुद्री एजेंसियों के साथ अपनी साझेदारी को गहरा किया है। नौसेना संयुक्त नौसैनिक अभ्यास, समन्वित गश्त, सूचना साझा, मानवीय सहायता प्रयास, क्षमता निर्माण और अन्य राजनयिक संपर्क जैसी कई पहलों पर हिन्द महासागर देशों की नौसेनाओं के साथ सहयोग कर रही है।
सागर योजना का दूसरा दशक चल रहा है और प्रधान मंत्री की हाल की मॉरीशस यात्रा के दौरान क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति घोषणा के साथ पहली बार एआईकेईवाईएमई पहल शुरू कर रही है।
नौसेना के अनुसार उसका एक पोत आईएनएस सुनयना भारत और नौ मित्र विदेशी देशों (कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका) के संयुक्त चालक दल के साथ दक्षिण-पश्चिम हिन्द महासागर क्षेत्र में तैनात किया जा रहा है। अप्रैल में यह पोत दार-एस-सलाम, नकाला, पोर्ट लुइस, पोर्ट विक्टोरिया और माले में बंदरगाहों पर ठहरेगा तथा तंजानिया, मोजाम्बिक, मॉरीशस और सेशेल्स के विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) की संयुक्त निगरानी करेगा। भारत और अफ्रीका समुद्री सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देते हैं और उन्होंने समुद्री सुरक्षा खतरों जैसे समुद्री डकैती, तस्करी सहित अवैध गतिविधियों, अनियमित और अप्रतिबंधित मछली पकड़ने से निपटने में सूचना साझा करने और निगरानी के माध्यम से सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। अफ्रीकी देशों के साथ बड़े पैमाने पर बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास, जिसका शीर्षक ‘अफ्रीका भारत प्रमुख समुद्री संपर्क’ है जो नौसेनाओं और समुद्री एजेंसियों के साथ अंतर-संचालन को बढ़ाने के लिए इस दिशा में एक पहल है।
अभ्यास के पहले संस्करण का सह-आयोजन भारतीय नौसेना और तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स (टीपीडीएफ) द्वारा किया जा रहा है और यह तंजानिया के दार-एस-सलाम में आयोजित किया जाएगा। इसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अप्रैल के मध्य में किये जाने की योजना है। छह दिन के इस अभ्यास में सह-मेजबानों के अलावा कोमोरोस, जिबूती, इरिट्रिया, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका की भागीदारी होगी। अभ्यास के बंदरगाह चरण में समुद्री डकैती और सूचना साझा करने पर टेबलटॉप और कमांड पोस्ट अभ्यास शामिल होंगे, साथ ही सीमैनशिप और विजिट बोर्ड सर्च और जब्ती (वीबीएसएस) पर प्रशिक्षण भी शामिल होगा। समुद्री चरण में सीमैनशिप विकास, खोज और बचाव, वीबीएसएस, छोटे हथियारों की फायरिंग और हेलीकॉप्टर संचालन शामिल हैं।