भारतीय रेलवे ने रेल यात्रियों को दी ये बड़ी सुविधा …
March 12, 2019
नई दिल्ली,रंगों का त्यौहार यानि कि होली अब नज़दीक है. ऐसे में इस बड़े त्यौहार के मौके पर हर कोई जो अपने घर जाना चाहेगा लेकिन अक्सर ऐसा देखा गया है कि ऐसे मौकों ट्रेनों में भारी मात्रा में भीड़ हो जाती है, जिसके कारण यात्रियों को ट्रेन में सीट नहीं मिलती और उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है.इस परेशानी को कुछ हद तक कम करने के लिए रेलवे का विकल्प योजना काफी काम आएगा. इस योजना के तहत अगर यात्री को ट्रेन शुरू होने तक उसमें सीट नहीं मिली है तो उस यात्री को उसी रूट पर जाने वाली अगली ट्रेन में सीट दी जाएगी.
वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की सुविधा के लिए रेल मंत्रालय ने विकल्प योजना (VIKALP Scheme) की शुरुआत की है. इसके तहत वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को दूसरी ट्रेन में जगह मिलने पर सीट देने का विकल्प रहता है. इसकी शुरुआत इसलिए की गई है, ताकि किसी ट्रेन में खाली सीट हो तो उसका उपयोग हो सके. यह विकल्प न सिर्फ ऑनलाइन बुकिंग पर है बल्कि विंडो टिकट पर भी उपलब्ध है.
ये विकल्प चुनने का मतलब ये नहीं होता कि आपको किसी और ट्रेन में कन्फर्म टिकट मिल ही जाएगी. यह ट्रेन और सीट की उपलब्धता पर निर्भर करता है. इस सुविधा से जुड़े कई नियम भी हैं, जैसे किस स्टेशन से ट्रेन पकड़नी है और कहां तक आपको सीट मिलेगी, ये भी बदल सकता है.
विकल्प योजना सभी ट्रेनों और क्लास के लिए लागू है. यह स्कीम वेटिंग लिस्ट में शामिल सभी यात्रियों के लिए है, भले ही उन्होंने किसी भी कोटे से टिकट बुक की हो. इस योजना के तहत यात्री एक बार में 5 ट्रेनों का विकल्प दे सकता है. यह सुविधा केवल उन यात्रियों के लिए है, जिन्होंने वेटिंग में टिकट बुक किया है और चार्ट बनने के बाद भी उनका नाम वेटिंग लिस्ट में ही था.
अगर यात्री को किसी और ट्रेन में सीट मिल जाती है तो उससे ना तो कोई एक्स्ट्रा किराया लिया जाता है और ना ही किसी अन्य तरह का शुल्क. अगर इस योजना के तहत यात्री को किसी और ट्रेन में टिकट मिल जाती है तो वह फिर उस ट्रेन में सफर नहीं कर सकता, जिसकी टिकट उसने बुक कराई थी. कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि जिस वैकल्पिक ट्रेन में टिकट मिला है, उसमें कुछ बदलाव हो जाए. हालांकि ऐसा बहुत कम केस में होता है.
यात्रियों को चाहिए कि जिस वैकल्पिक ट्रेन में टिकट मिला है, उसका चार्ट बन जाने के बाद एक बार अपने PNR से दोबारा सीट व कोच को कन्फर्म कर लें. अगर दूसरी ट्रेन में सीट मिलने के बाद यात्री यात्रा नहीं करता है तो वह टीडीआर के माध्यम से रिफंड क्लेम कर सकता है. विकल्प योजना के तहत चुनी गई ट्रेनों को बाद में बदला नहीं जा सकता.