भारत को एमडब्ल्यूसी में मिला गर्वमेंट लीडरशिप पुरस्कार

नयी दिल्ली,  संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि बार्सिलोना में चल रहे वर्ल्ड मोबाइल कांग्रेस (एमडब्ल्यूसी) में भारत को टेलीकॉम क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गर्वमेंट लीडरशिप पुरस्कार मिला है जो गौरव की बात है।

अश्विनी वैष्णव ने डब्ल्यूएमसी में जीएसएमए द्वारा भारत को गर्वमेंट लीडरशिप पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर आज यहां संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र को यह पुरस्कार मिला है जो गौरव की बात है।

उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार की महत्ता इस बात से समझी जा सकती है कि एक लंबे समय तक जिस तरह के टेलीकॉम सेक्टर में लगातार मसले बने रहते थे, कई तरह के कानूनी मुद्दे थे और कई तरह के अन्य मुद्दे थे, वे सब अब पीछे रह गए। अब टेलीकॉम सेक्टर एक उभरता हुआ क्षेत्र बनकर निकला है। टेलीकॉम सेक्टर अब एक निवेश आधारित सेक्टर बना है और यह रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र भी बन गया है।

उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार बहुत बड़ी मान्यता है। इसमें जो कई तरह के सुधार प्रधानमंत्री ने किए हैं, सितंबर में किए, सितंबर में कई सारे ढांचागत सुधार किये गये थे। प्रक्रियागत सुधार भी किये गये थे। उसके बाद स्पेक्ट्रम सुधार, सैटेलाइट सुधार, आरओडब्ल्यू सुधार हुआ और अब उन सुधारों का फल सबके सामने है। उन्होंने कहा कि देश में पहले चरण में 31 मार्च 2023 तक देश के 200 जिलों में 5 जी सेवायें शुरू करने का वादा किया गया था लेकिन उससे पहले ही आज तक देश के 387 जिलों में यह सेवा पहुंच चुकी है। एक लाख साइट पर बीटीएसएस लगाये गये हैं। प्रधानमंत्री ने हमेशा मेक इन इंडिया, डिजाइन इन इंडिया और हिंदुस्तान के इंजिनियरों को भरोसा कर के नई टेक्नोलॉजी डेवलप करने का जो एक मिशन रखा है देश के सामने, कल एक और उसका मिलका पत्थर हासिल हुआ। पहला मेक इन इंडिया ई नोट बी कल चंडीगढ़ में इंस्टॉल हुआ।

उन्होंने कहा कि उकला के ग्लोबल स्पीड टेस्ट में भारत की रैंक सितंबर में 118 थी जो आज 69 पर आ गयी है। बहुत कम समय में 49 स्थानों का छलांग लगाया गया है। टेलीकॉम टावर में अभी 85 प्रतिशत अनुमति तत्काल मिल रहा है। आवेदन करते ही ऑटोमेटिकली परमिशन आ जाती है। जहां पर भी रक्षा या किसी एयरपोपोर्ट के पास में हो उसमें थोड़ा समय लगता है लेकिन औसतन सात दिन है। पहले यह 200 दिनों से ज्यादा था।

Related Articles

Back to top button