हांगझोउ, भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने शनिवार को इतिहास रचते हुए दक्षिण कोरिया को रोमांचक मुकाबले में 3-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
चीन में चल रहे 19वें एशियाई खेलों में पुरुष बैडमिंटन मुकाबले में मिली इस जीत के साथ भारतीय टीम का इस स्पर्धा में एक पदक पक्का हो गया है। आज हुए मुकाबलों में भारत की ओर से एचएस प्रणॉय, लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत ने अपने-अपने मैच जीते तो वहीं सात्विक-चिराग और ध्रुव कपिला-एमआर अर्जुन की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय शीर्ष पुरुष शटलर एचएस प्रणॉय ने जीत के साथ सेमीफाइनल मैच की शुरुआत की। मुकाबले के पहले गेम में पिछड़ने के बावजूद प्रणॉय ने दक्षिण कोरिया के ह्योकजिन जीन को बाद के दो गेम में मात देकर भारतीय पुरुष टीम को शानदार शुरुआत दिलाई। प्रणॉय ने पहले मैच को 18-21, 21-16, 21-19 से अपने नाम किया।
दूसरे मुकाबले में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय पुरुष युगल जोड़ी को कोरिया के गेम सेउंगजे सिओ और मिनहुक कांग से सीधे गेम में हार का सामना करना पड़ा।
पहले मुकाबले में भारतीय पुरुष युगल जोड़ी को कोरिया की जोड़ी ने आसानी से हरा दिया लेकिन दूसरे गेम में सात्विक-चिराग की जोड़ी ने शानदार खेल दिखाते हुए मैच में वापसी करने का पूरा प्रयास किया लेकिन उन्हें करीबी मुकाबले में 26-24 से हार का सामना करना पड़ा। अब मुकाबला 1-1 की बराबरी पर पहुंच गया। अगला मैच भारतीय युवा शटलर लक्ष्य सेन का था। राष्ट्रमंडल खेल 2022 के चैंपियन ने कोरिया के युनग्यू ली को सीधे मुकाबले में हराकर भारतीय टीम की वापसी करवा दी। लक्ष्य ने अपने दोनों मुकाबले शानदार प्रदर्शन करते हुए जीते। पहले गेम में उन्होंने 21-7 से जीत हासिल की तो वहीं दूसरे गेम को 21-9 से जीतकर भारतीय टीम को 2-1 की बढ़त दिला दी।
फाइनल में प्रवेश करने के लिए भारतीय पुरुष टीम के लिए चौथा मैच बेहद महत्वपूर्ण था। भारत 2-1 से आगे चल रहा था और अगर इस मैच में भारत के ध्रुव कपिला और एमआर अर्जुन की पुरुष युगल जोड़ी जीत जाती तो भारतीय टीम फाइनल में प्रवेश कर लेती। लेकिन इस मैच की शुरुआत भारतीय टीम के अपेक्षाओं के अनुसार नहीं रही। पहले गेम में ध्रुव और अर्जुन की जोड़ी को 21-16 से हार का सामना करना पड़ा। दूसरे गेम में भी भारतीय जोड़ी को कोरिया के खिलाफ निराशा हाथ लगी।
निर्णयाक और अंतिम मुकाबले में अब सारा दारोमदार भारत के अनुभवी शटलर किदांबी श्रीकांत पर था, लेकिन श्रीकांत को भी पहले गेम में हार का सामना करना पड़ा। कोरियाई शटलर जियोनीओप चो ने भारतीय खिलाड़ी को पहले गेम में 21-12 से हराया। दूसरे गेम में किदांबी श्रीकांत ने वापसी करते हुए कोरियाई बैडमिंटन खिलाड़ी को 21-16 से हराकर मैच में वापसी कर ली। भारतीय शटलर ने निर्णायक गेम में शुरुआती अंक हासिल कर शानदार आगाज किया। इसके बाद वह लगातार कोरियाई शटलर पर दबाव बनाते रहे और तीसरे गेम को जीत कर भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को फाइनल में पहुंचा दिया।
उल्लेखनीय है कि पहले राउंड में भारतीय बैडमिंटन टीम को बाई मिला था जबकि क्वार्टरफाइनल में नेपाल को 3-0 से हराकर टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
भारतीय टीम फाइनल में रविवार को चीन के खिलाफ स्वर्ण पदक के लिए अपनी दावेदारी पेश करेगी। वहीं एकल, युगल और मिश्रित युगल स्पर्धा दो अक्टूबर से शुरू होंगे। भारत ने आखिरी बार 37 साल पहले एशियन गेम्स के पुरुष टीम स्पर्धा में पदक जीता था। सैयद मोदी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने सियोल 1986 में कांस्य पदक जीता था।