नई दिल्ली, मोदी सरकार ने भूमि आकलन संबंधित काम शुरू किया है ताकि भारत सरकार को अपनी संपत्ति का पता चल सके। सरकार के इस कदम से अतिक्रमण करने वालों पर भी शिकंजा कसेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आने वाले लिखित निर्देश के बाद यह काम शुरू किया गया है जो सरकारी संपत्ति का पूरा ब्यौरा तो देगी ही साथ ही अतिक्रमण किए गए उन सरकारी जमीनों के बारे में भी पता चलेगा जिसे किराए पर देकर अतिरिक्त कमाई की जा सकती है। सरकार उम्मीद कर रही है कि इस पहल से उन्हें अपनी ऐसी संपत्तियों का भी पता चल सकता है जिससे वे अनभिज्ञ हैं।
सूत्रों के अनुसार, पीएमओ ने जमीन के मालिकाना एजेंसियों समेत भूमि और विकास कार्यालय (एलएंडडीओ), शहरी विकास मंत्रालय, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली के नगर निकायों, रक्षा मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, रेलवे बोर्ड व अन्य मंत्रालयों को सरकार के स्वामित्व वाली संपत्ति का विवरण देने को लिखा है। मंत्रालयों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों की ओर से शायद एक प्रारूप भरा जाएगा जिसमें उन संपत्तियों का विवरण देना होगा जिसका अतिक्रमण कर लिया गया है और यदि इन मामलों पर कोई केस चल रहा है तो पहले आए अदालती आदेशों का विवरण भी देना होगा।