नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने कभी बाल श्रमिक रह चुके और अब बाल श्रम उन्मूलन में उल्लेखनीय योगदान कर रहे “यूथ लीडर्स” को सम्मानित किया है।
भूपेंद्र सिंह यादव ने रविवार को यहां अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस के अवसर पर इन बच्चों को सम्मानित किया। इन बच्चों को झारखंड की माइका माइन (अभ्रक खदान) में मजदूरी करनी पड़ी थी। अब ये हालांकि बालश्रम के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व रहे हैं।इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के पूरी दुनिया में बच्चों के लिए किए जा रहे कार्यों की भी प्रशंसा की।
भूपेंद्र सिंह यादव ने कहा कि वह समाज में बदलाव लाने के लिए इन बच्चों के प्रयासों से अभिभूत हैं और सरकार की तरफ से बच्चों के ऐसे प्रयासों की हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह हाल ही में झारखंड के दौरे पर थे और जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं। ये आज के “यूथ लीडर्स” हैं और इनके प्रयास प्रशंसनीय हैं।
अभ्रक खदानों के कारण झारखंड में हजारों बच्चों का बचपन छिनता जा रहा है। दुनियाभर में अभ्रक आपूर्ति में सिर्फ झारखंड और बिहार का हिस्सा 25 प्रतिशत है। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन उन 501 गांव में काम कर रही है जहां के बच्चे अभ्रक खनन के जाल में फंसे हुए हैं। फाउंडेशन अभी तक 1.01 लाख से ज्यादा बच्चों को निकाल चुकी है।
सम्मानित किए गए यूथ लीडर्स में तारा बंजारा, अमर लाल, राजेश जाटव, पायल जांगिड़, मध्य प्रदेश के बिदिशा जिले के सुरजीत लोधी, झारखंड के कोडरमा जिले की निकिता, नीरज मुर्मु , चंपा कुमारी और राधा पांडे शामिल है।