नयी दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा संपदा महानिदेशालय से आंतरिक कानूनी प्रणाली को मजबूत बनाने तथा अनावश्यक भूमि संबंधी विवादों से कारगर ढंग से निपटने के लिए राज्य भूमि राजस्व कानूनों में विशेषज्ञता हासिल करने का आह्वान किया है।
राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां रक्षा संपदा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ तत्व कभी कभार जमीन और संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों में जालसाजी करके तथा कानून की खामियों का लाभ उठाकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे मुकदमेबाजी होती है, जो वर्षों चलती है, इस प्रक्रिया में नष्ट होने वाले समय, धन और ऊर्जा से बचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महानिदेशालय को ऐसे विषयों से निपटने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश में कानून के अनेक विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जिनके साथ महानिदेशालय जमीन से जुड़े कानूनों से अपने अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और उन्हें अद्यतन बनाने के लिए सहयोग कर सकता है। उन्होंने कहा कि भूमि से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों को विभिन्न अदालतों के निर्णयों की नवीनतम जानकारी होनी चाहिए।
राजनाथ सिंह ने रक्षा भूमि के रखरखाव तथा प्रंबधन को राष्ट्रीय महत्व के कार्यों में से एक बताया। उन्होंने इस दिशा में अनेक कदम उठाने के लिए महानिदेशालय की सराहना की। इन कदमों में 18 लाख एकड़ रक्षाभूमि का सर्वेक्षण तथा डिजिटलीकरण और भूमि सर्वेक्षण में नवीनतम टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ाने देने के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना शामिल है।
रक्षा मंत्री ने रक्षा भूमि पर अनधिकृत निर्माण तथा अतिक्रमण का पता लगाने के लिए महानिदेशालय द्वारा विकसित आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित सॉफ्टवेयर का विशेष उल्लेख किया, जिसका उपयोग देश की विभिन्न छावनियों में किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले अनिधिकृत निर्माण और अतिक्रमण का पता भौतिक सत्यापन के आधार पर लगाया जाता था। उन्होंने कहा कि यह सॉफ्टवेयर भूमि उपयोग विभागों द्वारा निगरानी बढ़ाएगा और अनिधिकृत निर्माण और अतिक्रमण को रोकेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने महानिदेशालय से भारत के लिए शत्रु संपत्ति के संरक्षक (सीईपीआई) के लिए एक सर्वेक्षण किए जाने का अनुरोध किया है। यह रक्षा मंत्रालय के बाहर पहला सर्वेक्षण है जिसे उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के राजस्व अधिकारियों के सहयोग से डीईओ दिल्ली द्वारा शुरू किया जाएगा। उन्होंने नवीनतम तकनीक का उपयोग करके सीईपीआई के लिए अद्यतन मानचित्र तथा जमीन का विवरण तैयार करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने सुविद्या (बहुभाषी कैंट बोर्ड स्कूल प्रबंधन मॉड्यूल) और भूमि रक्षा (अतिक्रमण हटाने का मॉडयूल) का उद्घाटन भी किया ।