मंडियों से फसल का उठान न होने से किसान व आढ़ती दुविधा में

सिरसा,  हरियाणा के सिरसा जिले की विभिन्न अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों में सरसों व गेहूं की आवक लगातर बढ़ रही है, लेकिन सही तरीके से उठान न होने की वजह से मंडियों में खुले आसमान के नीचे फसल की ढेरियां लग चुकी हैं। मौसम के बन बिगड़ रहे मिजाज से किसान मंडियों में पड़ी फ सल को लेकर चिंतित हैं। मंडियों में जगह की कमी के चलते आढ़ती भी किसानों से फसल नहीं मंगवा पा रहे हैं।

सिरसा के उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि जिला की विभिन्न मंडियों व खरीद केंद्रों में दो लाख 47 हजार 89 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सिरसा मंडी में 27 हजार 47 मीट्रिक टन, ऐलनाबाद मंडी में 20 हजार 611 मीट्रिक टन, कालांवाली मंडी में 25 हजार 44 मीट्रिक टन, रानियां मंडी में 16 हजार मीट्रिक टन, डबवाली मंडी में 11 हजार 215 मीट्रिक टन, डिंग मंडी में आठ हजार 781 मीट्रिक टन, जीवन नगर मंडी में 7 हजार 577 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि संबधित एजंसियों को मंडियों से गेहूं व सरसों फसल के जल्द उठान के निर्देश दिए गए हैं।

भारतीय किसान एकता बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि ओढां अनाज मंडी में खरीफ फसल की कटाई के सीजन के चलते सरसों व गेहूं की आवक लगातर बढ़ रही है, लेकिन सही तरीके से उठान न होने की वजह से पूरी मंडी में खुले आसमान के नीचे फसल की ढेरियां लग चुकी हैं। सोमवार यानी 17 अप्रैल तक सरसों के लगभग 43000 गट्टे की आवक हो चुकी है, जिसमें से अभी तक 16600 गट्टे का ही उठान हुआ है। गेहूं की खरीद 17 अप्रैल तक लगभग 92000 गट्टों की गई है, लेकिन गेहूं का उठान शुरू ही नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि केंद्र के खाद्य एवं वितरण मंत्रालय की ओर से वर्ष 2023-24 की गेंहू खरीद के संबंध में दाने के आकार और लस्टर वैल्यू के आधार पर समर्थन मूल्य में कटौती के निर्देश जारी किए जाने से किसानों में भारी रोष है। इस वर्ष बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि और तीव्र गति से चली हवाओं से कई प्रदेशों में गेहूं और रबी की अन्य फसलों को भारी नुक्सान हुआ है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को चाहिए था कि किसानों को विशेष राहत प्रदान करे, लेकिन इसके विपरित प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित हुई फसलों में गुणवत्ता के आधार पर वैल्यू कट किये जाने के निर्देश देकर सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा इस कदम की कड़ी निन्दा करता है और इन आदेशों को वापिस लिये जाने की मांग करता है।

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर राष्ट्रीय किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष लक्खा सिंह अलीकां की अध्यक्षता में अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों में खरीफ फसल के उठान व किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर धरना दिया और उसके बाद जिला उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। लखा सिंह अलीकां ने बताया कि पूर्व में जहां सरकार द्वारा बनाई गई सरकारी सोसायटियां किसानों से राशि का ब्याज नहीं लेती थी, लेकिन इस बार सरकार ने किसान की मजबूरी का फायदा उठाते हुए किसानों से ब्याज वसूलने का फरमान जारी कर दिया है, जिससे सरकार का दोगलापन जाहिर हो गया है।

इस मौके पर किसान नेता स्वर्ण सिंह विर्क,हरजिंद्र सिंह नानूआना, शिवम कुमार, विनिता रानी,हरदेव सिंह जोश जिला प्रधान किसान सभा,मोहन सिंह पक्का शहीदां, हमजिंदर सिद्धू सहित अन्य किसान उपस्थित थे।

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