लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मंत्री बदलने से भी उत्तर प्रदेश में बिजली की दशा में सुधार नहीं हो सका है। प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है और सरकार पर्याप्त बिजली का इंतजाम नहीं कर पा रही है।
श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशों-निर्देशों को पावर कारपोरेशन के अधिकारी तनिक भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। अफसरों की लापरवाही और अकर्मण्यता पर कहीं नियंत्रण नहीं लग रहा है। भाजपा के दूसरे कार्यकाल में बिजली मंत्री बदल गया लेकिन दुर्दशा नहीं बदली। सरकारी बयानों में ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली सप्लाई का दावा किया जा रहा है जबकि महज चार घंटे बिजली मिल रही है। कई स्थानों पर तो पूरी रात ब्लैक आउट रहता है। ट्रांसफार्मर फुंकते जा रहें है।
उन्होने कहा कि बिजली कटौती से बुनकरों का धंधा बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। संत कबीर नगर में बिजली नहीं मिलने से पावरलूम ठप्प हो रहे हैं। इससे बुनकर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। आधे अधूरे तैयार कपड़ों को लेकर परेशान हैं। बिजली संकट के चलते व्यापारिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीण ही नहीं बल्कि नगरीय क्षेत्रों में भी बिजली की जबरदस्त कटौती हो रही है। प्रदेश को नफरत की आग में झोंकने वाली भाजपा सरकार ने बिजली उत्पादन के लिए कोई काम नहीं किया। इस सरकार ने एक भी पावर प्लांट नहीं लगाया। बिजली का उत्पादन नहीं बढ़ाया। पांच साल की सरकार में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की हालत इतनी जर्जर कर दी है कि बिजली उत्पादन की कई इकाइयां बंद पड़ी हैं।
उन्होने कहा कि पांच साल झूठी और हवाई घोषणाएं करने वाले मुख्यमंत्री अधिकारियों को दिखावटी निर्देश दे रहे हैं। जबकि उन्हें सच्चाई पता है कि उन्होंने बिजली उत्पादन के लिए कोई काम नहीं किया है। प्रदेश में 23 हजार मेगावाट बिजली की मांग के अनुरूप बिजली की सप्लाई नहीं हो पा रही है तो बिजली कहां से मिलेगी।