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मनोरंजन उद्योग का देश की प्रगति, अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को फिल्म और मनोरंजन जगत की चर्चा करते हुए कहा कि यह उद्योग न सिर्फ देश की प्रगति में बड़ा योगदान दे रहा है, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 117वीं कड़ी के संबोधन में इस उद्योग के योगदान की विस्तार पूर्वक चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,“हमारी एनीमेशन फिल्मों, सामान्य फिल्मों, टीवी सीरीज की प्रसिद्ध दिखाती है कि भारत की क्रिएटिव इंडस्ट्री में कितनी क्षमता है। यह इंडस्ट्री न सिर्फ देश की प्रगति में बड़ा योगदान दे रही है, बल्कि, हमारी अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।”

उन्होंने आगे कहा,“हमारी फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री बहुत विशाल है। देश की कितनी ही भाषाओं में फिल्में बनती हैं। क्रिएटिव कंटेंट बनता है। मैं अपनी फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को इसलिए भी बधाई देता हूँ, क्योंकि उसने ‘एक भारत – श्रेष्ठ भारत’ के भाव को सशक्त किया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा,“मैं आपको एक और खुशखबरी देना चाहता हूँ। भारत की क्रिएटिव टैलेंट को दुनिया के सामने रखने का एक बहुत बड़ा अवसर आ रहा है। अगले साल हमारे देश में पहली बार वर्ल्ड ऑडियो वीडियो एंटरटेनमेंट समिट का आयोजन होने वाला है।”

उन्होंने कहा,“आप सभी ने दावोस के बारे में सुन होगा जहां दुनिया के अर्थजगत के महारथी जुटते हैं। उसी तरह वर्ल्ड ऑडियो वीडियो एंटरटेनमेंट समिट में दुनिया-भर की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के दिग्गज, क्रिएटिववर्ल्ड के लोग भारत आएंगे। यह समिट भारत को ग्लोबल कंटेंट क्रिएटर का मुख्य केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,“मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस समिट की तैयारी में हमारे देश के यंग क्रिएटर भी पूरे जोश से जुड़ रहे हैं। जब हम 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी की ओर बढ़ रहे हैं, तब हमारी क्रिएटर इकोनामी एक नई ऊर्जा ला रही है। मैं भारत की पूरी एंटरटेनमेंट और क्रिएटिव इंडस्ट्री से आग्रह करूंगा – चाहे आप युवा क्रिएटर हों या एस्टेब्लिशमेंट आर्टिस्ट, बॉलीवुड से जुड़े हों या क्षेत्रीय सिनेमा से, टीवी इंडस्ट्री के लोग हों, या एनीमेशन के के विशेषज्ञ, गेम से जुड़े हों या एंटरटेनमेंट टेक्नोलॉजी के इनोवेटर, आप सभी इस समिट का हिस्सा बनें।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति का प्रकाश आज कैसे दुनिया के कोने-कोने में फैल रहा है। आज मैं आपको तीन महाद्वीपों से ऐसे प्रयासों के बारे में बताऊंगा जो हमारी सांस्कृतिक विरासत के वैश्विक विस्तार की गवाह है। ये सभी एक दूसरे से मिलों दूर हैं, लेकिन भारत को जानने और हमारी संस्कृति से सीखने की उनकी ललक एक जैसी है।

उन्होंने कहा,“पेंटिंग का संसार जितना रंगों से भरा होता है, उतना ही खूबसूरत होता है। आप में से जो लोग टीवी के माध्यम से ‘मन की बात’ से जुड़े हैं, वे अभी कुछ पेंटिंग टीवी पर देख भी सकते हैं। इन पेंटिंग में हमारे देवी-देवता, नृत्य की कलाएं और महान विभूतियों को देखकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। इनमें आपको भारत में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं से लेकर और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। इनमें ताजमहल की एक शानदार पेंटिंग भी शामिल है।”

प्रधानमंत्री ने कहा,“इस पेंटिंग को 13 साल की एक बच्ची ने बनाया है। आपको ये जानकार हैरानी होगी इस दिव्यांग बच्ची ने अपने मुहँ से इस पेंटिंग को तैयार किया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन पेंटिंग को बनाने वाले भारत के नहीं, बल्कि इजिप्ट के विद्यार्थी हैं। वहाँ के विद्यार्थी हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ ही हफ्ते पहले वहां के करीब 23 हजार विद्यार्थी ने एक पेंटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। वहाँ उन्हें भारत की संस्कृति और दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को बताने वाली पेंटिंग तैयार करनी थी।

उन्होंने कहा,“मैं इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी युवाओं की सराहना करता हूँ। उनकी रचनात्मक की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है।”