नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ड्रोन की उपयोगिता विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ी से बढ़ी है और हमें इस तकनीक में अग्रणी देश बनना है और इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है।
श्री मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में आज कहा कि कुछ साल पहले तक जब कहीं ड्रोन का नाम आता था तो लोगों के मन में पहला भाव क्या आता था ? सेना का, हथियारों का, युद्ध का लेकिन आज हमारे यहाँ कोई शादी बारात या समारोह होता है तो हम ड्रोन से फ़ोटो और वीडियो बनाते हुए देखते हैं। ड्रोन का दायरा, उसकी ताकत, सिर्फ इतनी ही नहीं है। भारत, दुनिया के उन पहले देशों में से है जो ड्रोन की मदद से अपने गाँव में जमीन के डिजिटल रिकार्ड तैयार कर रहा है। भारत ड्रोन का इस्तेमाल ट्रांसपोर्टेशन के लिए करने पर बहुत व्यापक तरीके से काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि चाहे गाँव में खेतीबाड़ी हो या घर पर सामान की डिलीवरी हो। आपातकाल में मदद पहुंचानी हो या कानून व्यवस्था की निगरानी हो। बहुत समय नहीं है जब हम देखेंगे कि ड्रोन हमारी इन सब जरूरतों के लिए तैनात होंगे। इनमें से ज़्यादातर की तो शुरुआत भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले, गुजरात के भावनगर में ड्रोन के जरिए खेतों में नैनो-यूरिया का छिड़काव किया गया। कोविड टीकाकरण अभियान में भी ड्रोन अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इसकी एक तस्वीर हमें मणिपुर में देखने को मिली थी। जहां एक द्वीप पर ड्रोन से टीका पहुंचाए गए। यही नहीं, अब मूलभूत संरचना के कई बड़े प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। मैंने एक ऐसे छात्र के बारे में भी पढ़ा है, जिसने अपने ड्रोन की मदद से मछुआरों का जीवन बचाने का काम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले इस ड्रोन में इतने नियम, कानून और प्रतिबंध लगाकर रखे गए थे कि इसकी असली क्षमता का इस्तेमाल भी संभव नहीं था। जिस तकनीक को अवसर के तौर पर देखा जाना चाहिए था, उसे संकट के तौर पर देखा गया। अगर आपको किसी भी काम के लिए ड्रोन उड़ाना है तो लाइसेंस और अनुमति का इतना झंझट होता था कि लोग ड्रोन के नाम से ही तौबा कर लेते थे। हमने तय किया कि इस सोच को बदला जाए इसीलिए इस साल 25 अगस्त को देश एक नई ड्रोन नीति लेकर आया। ये नीति ड्रोन से जुड़ी वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं के हिसाब से बनाई गई है। इसमें अब न बहुत सारे फार्म के चक्कर में पड़ना होगा, न ही पहले जितनी फ़ीस देनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि मुझे आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि नई ड्रोन नीति आने के बाद कई ड्रोन स्टार्ट अप में विदेशी और देसी निवेशकों ने निवेश किया है। कई कंपनियां उत्पादन इकाई भी लगा रही हैं। आर्मी , नेवी और वायु सेना ने भारतीय ड्रोन कंपनियों को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर भी दिए हैं। यह तो अभी शुरुआत है। हमें यहीं नहीं रुकना है। हमें ड्रोन तकनीक में अग्रणी देश बनना है। इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। मैं देश के युवाओं से भी कहूँगा कि आप नीति के बाद बने अवसरों का लाभ उठाने के बारे में जरूर सोचें, आगे आएं।