नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये में देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। यह मन की बात का 24वां संबोधन है। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से किया जा रहा है। उनके इस बार दिए संबोधन उड़ी हमले का दर्द भी साफतौर पर दिखाई दिया। उन्होंने इस हमले के बाद लोगों के मन में उपजे विचारों का सम्मान करते हुए कहा कि आक्रोश भरे इस माहौल में भी लोगों को सकारात्मक सोच बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आक्रोश भी राष्ट्रीय चेतना का ही प्रतीक होता है। अपने संबोधन में उन्होंने उड़ी हमले में शहीद हुए जवानों को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि उनकी शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। सेना का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सेना बोलती नहीं है बल्कि पराक्रम दिखाती है। हमें अपनी सेना और अपने जवानों पर नाज है। कश्मीर मसले पर उन्होंने कहा कि अब वहां की जनता समझने लगी है कि क्या सही है और क्या गलत। अपने इस संबोधन में उन्होंने उन खिलाड़ियों का भी जिक्र किया जो हाल ही में पैैरालिंपिक खेलों में पदक जीतकर स्वदेश वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों ने अपनी इच्छाशक्ति के आगे कभी गरीबी और अपनी दिव्यांगता को आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने कहा कि सभी को चाहिए कि आक्रोश और देशभक्ति से कुछ रचनात्मक करें। इन खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इन्होंने अन्य सभी खिलाड़ियों को कहीं पीछे छोड़ दिया। मन की बात में उन्होंने एक बार फिर से स्वच्छता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसको लेकर अब लोगों की सोच बदलने लगी है। पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता मिशन बिना जनता की भागीदारी के सफल नहीं हो सकता है, लिहाजा इसमें लोगों को बढ़चढ़कर आगे आना होगा। उन्होंने लोगों से कहा कि गांधी जयंती के दिन रविवार की छुट्टी का उपयोग स्वच्छता मिशन के लिए करें और अपना वीडियो भी शेयर करें। साथ ही इस मौके पर खादी का उपयोग करें। इसके उपयोग से गरीब के घर भी दीवाली की रौौनक होगी। इस मौके पर उन्होंने नवसारी की उस बच्ची का भी जिक्र किया जिसको रामचरित मानस पूरी तरह से कंठस्थ थी।