बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 354.23 अंक अर्थात 0.5 प्रतिशत की तेजी के साथ सप्ताहांत पर 77860.19 अंक पर पहुंच गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 822.2 अंक यानी 3.4 प्रतिशत का गोता लगाकर 23559.95 अंक पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में तेजी का रुख रहा। इससे मिडकैप 165.99 अंक अर्थात 0.4 प्रतिशत उछलकर सप्ताहांत पर 43050.27 अंक और स्मॉलकैप 64.42 अंक यानी 0.12 प्रतिशत बढ़कर 50164.22 अंक हो गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह 12 फरवरी को जनवरी 2025 की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई और 14 फरवरी को थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई के आंकड़े जारी होने वाले हैं। इन आंकड़ों पर निवेशकों की नजर रहेगी।
हाल ही में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2025 के अनुसार, भारत में खुदरा महंगाई दर में गिरावट देखी गई है। वित्त वर्ष 2024 में यह 5.4 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-दिसंबर) में घटकर 4.9 प्रतिशत रह गई। इसका श्रेय सरकार के विभिन्न उपायों को दिया गया है। यदि यह सकारात्मक प्रवृत्ति जारी रहती है और जनवरी 2025 के महंगाई आंकड़े उम्मीद से कम आते हैं तो यह सेंसेक्स और निफ्टी के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है। निवेशकों को महंगाई के आंकड़ों के साथ-साथ अन्य आर्थिक संकेतकों और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ये सभी मिलकर बाजार की दिशा निर्धारित करते हैं।
साथ ही ट्रंप की आर्थिक और व्यापार नीतियों पर भी निवेशकों की पैनी नजर रहेगी। ट्रंप की मौजूदा टैरिफ नीति ने वैश्विक स्तर पर संभावित व्यापार युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है। इससे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं विद्यमान हैं। अगले सप्ताह इसका असर भी बाजार पर रहेगा।
केंद्रीय बजट के बाद बाजार ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी थी। सेंसेक्स में मामूली वृद्धि जबकि निफ्टी में थोड़ी गिरावट देखी गई। बजट में पूंजीगत व्यय में अपेक्षित वृद्धि न होने के कारण बाजार में निराशा थी। हालांकि, सरकार द्वारा लोगों के हाथों में नकदी प्रवाह बढ़ाने के प्रयासों से मांग में वृद्धि की उम्मीद है, जो आने वाले सप्ताह में कंपनियों के परिणामों में सुधार ला सकती है।
इस अवधि के दौरान कई प्रमुख कंपनियां अपने तिमाही परिणाम घोषित करेंगी। इन परिणामों के आधार पर निवेशकों की धारणा प्रभावित हो सकती है, जो बाजार की चाल को निर्धारित करेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाने से वैश्विक आर्थिक विकास प्रभावित होने की आशंका में विश्व बाजार के गिरने से हतोत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर कैपिटल गुड्स, इंडस्ट्रियल्स, पावर, यूटिलिटीज और तेल एवं गैस समेत सोलह समूहों में हुई भारी बिकवाली से सोमवार को सेंसेक्स 319.22 अंक की गिरावट लेकर 77,186.74 अंक और निफ्टी 121.10 अंक का गोता लगाकर 23,361.05 अंक पर बंद हुआ।
ट्रंप के कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाने को अगले तीस दिनों तक टालने के निर्णय से एशियाई बाजारों में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत मंगलवार को सेंसेक्स 1397.07 अंक की छलांग लगाकर 78,583.81 अंक और निफ्टी 378.20 अंक की तेजी के साथ 23,739.25 अंक पर पहुंच गया।
विश्व बाजार की गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल्टी समेत छह समूहों में हुई बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 312.53 अंक का गोता लगाकर 78,271.28 अंक और निफ्टी 42.95 अंक टूटकर 23,696.30 अंक पर आ गया।
व्यापार युद्ध की चिंताओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णय आने से पहले हुई भारी बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 213.12 अंक की गिरावट लेकर 78,058.16 अंक और का निफ्टी 92.95 अंक टूटकर 23,603.35 अंक पर आ गया।
इसी तरह शुक्रवार को आरबीआई के रेपो दर में चौथाई फीसदी की कटौती से निवेश धारणा को बल नहीं मिला, जिससे ऊर्जा, एफएमसीजी, इंडस्ट्रियल्स और तेल एवं गैस समेत बारह समूहों में हुई बिकवाली से शेयर बाजार गिरकर बंद हुआ। सेंसेक्स 197.97 अंक की गिरावट लेकर 77,860.19 अंक और निफ्टी 43.40 अंक टूटकर 23,559.95 अंक पर आ गया।