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महाकुम्भ से साकार हुई एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा : आनंदीबेन पटेल

लखनऊ,  राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि प्रयागराज महाकुंभ से एक भारत,श्रेष्ठ भारत की अवधारणा साकार हुयी है।

उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल के वर्ष 2025 के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के समवेत अधिवेशन को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि योगी सरकार को इस वर्ष दिव्य एवं भव्य महाकुम्भ आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जिसमें स्वच्छता, सुरक्षा तथा सुव्यवस्था के नए मानक गढ़े गए हैं। महाकुम्भ में आस्था एवं आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन जहां एक ओर अनेकता में एकता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर समता व समरसता का संदेश भी दे रहा है, जिससे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा साकार हो रही है। अब तक लगभग 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुजन पावन त्रिवेणी में आस्था की पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।

उन्होने मौनी अमावस्या पर घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि इससे हम सभी अत्यन्त दुःखी हैं। इसमें कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसमें से कुछ श्रद्धालुओं की दुःखद मृत्यु भी हो गई। असमय काल-कवलित हुए लोगों के प्रति उन्होंने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की तथा शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

राज्यपाल ने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि महाकुम्भ प्रयागराज 2025 के शुभ अवसर पर पावन त्रिवेणी तट पर 22 जनवरी को मंत्रिपरिषद् की ऐतिहासिक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।श्रीमती पटेल ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज के लिए सुरक्षा उसकी मूलभूत आवश्यकता है। 2017 के पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी और आमजन का शासन-प्रशासन से विश्वास उठ चुका था, लेकिन योगी सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण व सुधार करते हुए उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को नजीर के रूप में प्रस्तुत किया। अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और कानून व्यवस्था एवं पुलिसिंग के स्तर व गुणवत्ता में नियमित एवं समयबद्ध रूप से सुधार किए। इसकी मदद से प्रदेशवासियों को अपराधमुक्त एवं भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार किया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा, “ मेरी सरकार में अब तक कोई साम्प्रदायिक दंगा या जातिगत संघर्ष की घटना नहीं हुई है। विभिन्न महत्वपूर्ण त्योहारों, मेलों, जलूसों, शोभा यात्राओं व धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ विभिन्न निर्वाचनों को शांतिपूर्ण ढंग से सकुशल संपन्न कराए जाने में सफलता प्राप्त हुई है। ”

उन्होने कहा , “ऑपरेशन कन्विक्शन के अन्तर्गत जुलाई, 2023 से दिसम्बर, 2024 तक 51 अभियुक्तों को मृत्युदण्ड, छह हजार 287 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, एक हजार 91 अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक की सजा, तीन हजार 868 अभियुक्तों को 10 से 19 वर्ष तक की सजा, 5 हजार 788 अभियुक्तों को 05 से 09 वर्ष की सजा एवं 51 हजार 748 अभियुक्तों को 05 वर्ष से कम की सजा से दण्डित कराया गया है।”

श्रीमती पटेल ने कहा कि नवम्बर, 2019 से अब तक चिन्हित माफिया या गैंग के सदस्यों के विरुद्ध विचाराधीन मुकदमों की न्यायालयों में प्रभावी पैरवी करते हुए 31 माफिया व 74 सह-अपराधियों को अलग-अलग अभियोगों में आजीवन कारावास/कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित कराया गया, जिसमें से दो को मृत्युदण्ड की सजा हुई। इसके अतिरिक्त, अवैध रूप से अर्जित बेनामी सम्पत्तियों को चिन्हित माफिया अपराधियों से मुक्त कराकर 4 हजार 74 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति का जब्तीकरण/ध्वस्तीकरण एवं अवैध कब्जे से मुक्त कराते हुए 141 अरब से अधिक मूल्य की चल-अचल सम्पतियों को राज्य सरकार में निहित किया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 को 01 जुलाई, 2024 से सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है, जिसमें अब तक लगभग 02 लाख 50 हजार से अधिक मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही, महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं सशक्तीकरण के लिए विभिन्न अभियान जैसे मिशन शक्ति-5.0, ऑपरेशन गरुड़, ऑपरेशन शील्ड, ऑपरेशन डिस्ट्रॉय, ऑपरेशन बचपन, ऑपरेशन खोज, ऑपरेशन ईगल, ऑपरेशन रक्षा इत्यादि सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के अंतर्गत सभी थानों में अब तक 11 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर दिए गए हैं। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2024 में अभूतपूर्व सुधार करते हुए यूपी-112 का रिस्पांस टाइम 25 मिनट 42 सेकेंड से घटाकर 07 मिनट 24 सेकेंड कर दिया गया है।

साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए योगी सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि साइबर क्राइम की विवेचना के लिए वर्ष 2017 से पूर्व 02 थाने थे। वर्तमान सरकार द्वारा समस्त 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाने स्थापित करते हुए साइबर अपराध पर नियंत्रण किया जा रहा है। ट्विटर पर प्राप्त शिकायतों को संज्ञान में लेकर वर्ष 2017 से अब तक 21 हजार 655 एफआईआर पंजीकृत किए गए हैं। अपराधों को रोकने के लिए एसटीएफ द्वारा वर्ष 2017 से अब तक 653 जघन्य अपराध घटित होने से पूर्व ही रोक लिए गए हैं। एटीएस द्वारा वर्ष 2017 से अब तक 130 आतंकवादी एवं 171 रोहिंग्या/बांग्लादेशी व सहयोगियों की गिरफ्तारी की गई है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा वर्ष 2017 के बाद विभिन्न पदों पर 01 लाख 56 हजार से अधिक भर्ती की गईं तथा 01 लाख 49 हजार से अधिक कर्मियों को प्रोन्नति प्रदान की गई है। वर्तमान में अराजपत्रित श्रेणी के 92 हजार 919 पदों पर भर्ती हेतु कार्यवाही प्रचलित है।

 

राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश में एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित चार बड़े एक्सप्रेस-वे (यमुना एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे) संचालित हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे गंगा एक्सप्रेस-वे तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है। देश के कुल एक्सप्रेस-वे नेटवर्क में उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक हिस्सेदारी है।

उन्होने बताया कि चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को वाया फर्रुखाबाद, गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे तथा जेवर एयरपोर्ट लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए कार्य गतिमान है। सरकार प्रदेश के अन्दर कनेक्टिविटी को बढ़ाने तथा लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने के लिए नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए कार्रवाई कर रही है, इसमें 320 किलोमीटर लंबा विंध्य एक्सप्रेसवे (प्रयागराज-मीरजापुर-वाराणसी-चंदौली-सोनभद्र)। चंदौली से गाजीपुर होते हुए पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए स्पर का निर्माण। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए रीवा मार्ग से जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण और गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से हरिद्वार को जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण शामिल है।

राज्यपाल ने बताया कि यूपी डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, कानपुर नोड में अडानी डिफेंस सिस्टम एण्ड टेक्नोलॉजी, अलीगढ़ में एंकर रिसर्च लैब्स, लखनऊ में डीआरडीओ ब्रम्होस एयरोस्पेस शमिल हैं, जिनमें लगभग साढ़े 9 हजार करोड़ का निवेश सम्भावित है। इसके साथ ही सरकार द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में सेमीकण्डक्टर पार्क, डेटा सेन्टर पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।

अन्य प्रमुख आगामी परियोजनाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा निवेश क्षेत्र में एविएशन हब, एमआरओ-कार्गा कॉम्प्लेक्स, आगरा और प्रयागराज में इण्टीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, गोरखपुर व हापुड़ में केमिकल और फार्मा पार्क जैसे सेक्टर विशिष्ट पार्क भी शामिल हैं। उन्होंने एवियेशन सेक्टर का भी उल्लेख किया, जिसमें जहां वर्ष 2017 से पहले मात्र 4 आपरेशनल एयरपोर्ट-लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर एवं आगरा थे, जो वर्तमान में बढ़कर 16 हो गये हैं। उन्होंने बताया कि 2017 से अब तक कुशीनगर एवं अयोध्या में अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का निर्माण कार्य पूर्ण कर इन्हें संचालित किया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर के जेवर में विश्वस्तरीय अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शीघ्र ही संचालन हो जाने से प्रदेश में पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो जाएंगे।