मायावती ने कहा भाषणों और लच्छेदार बातों से मेहनतकश जनता का पेट नहीं भरने वाला. उन्होने कहा कि ये बजट गरीब विरोधी और धन्नासेठ समर्थक है. मायावती ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि अच्छे दिन का वादा जो उन्होंने किया था, वह कहां है. अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें वादाखिलाफी के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. मायावती ने बजट पर जारी अपने बयान में कहा कि एक जिम्मेदार सरकार की तरह बीजेपी सरकार को लेखा-जोखा भी जनता को बताना चाहिए. जो अब तक नहीं किया गया है. केवल हवा-हवाई बयानबाजी ही की गई है.
उन्होंने कहा कि ये बजट वास्तविक भारत के हितों की रक्षा नहीं करता है. युवा को रोजगार के बेहतर अवसर मोहैया कराने की जरूरत है, न कि पकोड़ा बेचकर रोजगार अर्जित करने के सरकारी सुझाव की. मायावती ने कहा कि करोड़ों शिक्षित बेरोजगार बेहद मजबूरी में पहले से ही पकड़ो और चाय बेच रहे हैं. ये उनकी कौशलता के हिसाब से बिलकुल भी सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि असल में मोदी सरकार की अब तक जो प्राथमिकताएं थीं, वह गरीब, मजदूर, किसानों के हितों को साधने वाली कतई नहीं रही हैं. यही कारण है कि विकास के जो दावे सरकार कर रही है, उसका थोड़ा भी लाभ इन वर्गों को नहीं मिल पाया है. अमीरों और गरीबों के बीच खाई बढ़ती जा रही है.