मुरादाबाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल की हारी सभी छह सीटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र की साख़ दांव पर लगी है, वहीं दूसरी ओर मुरादाबाद सीट पर दमदार प्रत्याशी की तलाश में असमंजस बरकरार है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के गृहनगर मुरादाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा में असमंजस बरकरार है। भाजपा के लिए मुरादाबाद मंडल कितना ख़ास है यह इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता कि 19 फरवरी को श्री कल्कि धाम के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल हुए थे, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के पिछले तीन महीनों में मुरादाबाद के लगातार चार दौरे किये। इससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी इस बार किसी भी कीमत पर मंडल की सभी सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ख़ुद मंडल की सीटों पर नज़र रखें हुए हैं।
पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए बिसात बिछाई जा रही है। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में मंडल की सभी छह सीटों पर विजय पताका फहराई थी,अपनी पूर्व में गंवाई सीटों पर 2024 के चुनाव में फिर से कमल खिलाने की कवायद जारी है। मुरादाबाद सीट पर अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
मुरादाबाद सीट को छोड़कर भाजपा ने अमरोहा से कंवर सिंह तंवर, रामपुर से घनश्याम सिंह लोधी, संभल से परमेश्वर लाल सैनी, नगीना से ओम कुमार जबकि बिजनौर सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के खाते में चले जाने से वहां रालोद प्रत्याशी के रूप में मीरापुर विधायक चंदन चौहान को चुनावी मैदान में उतारा गया है। मुरादाबाद सीट पर अभी केवल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रत्याशी के रूप में इरफ़ान सैफी का नाम घोषित किया है।
निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के बाद से राजनीतिक गलियारों में भाजपा और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को लेकर कयासों का बाज़ार गर्म है। सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी द्वारा प्रत्याशी की घोषणा के बाद ही भाजपा अपना प्रत्याशी घोषित करेगी। वैसे भी भाजपा को दमदार प्रत्याशी की तलाश है।