नई दिल्ली, केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने आज राज्यसभा से वाक आउट किया। राज्यसभा की कार्रवाई से पहले टीएमसी सांसदों ने संसद भवन स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने इस दौरान अपने हाथों में पोस्टर पकड़ रखा था। जिस पर लिखा था कि हमारा लोकतांत्रिक हक है कि अलोकतांत्रिक चीजों का विरोध करें। टीएमसी सांसदों का आरोप है कि केंद्र सरकार सभी दलों के साथ बदले की भावना की राजनीतिक कर रही है।
ममता बनर्जी सरकार के मुताबिक नोटबंदी का विरोध करने की वजह से उनके सांसदों को केंद्र सरकार निशाना बना रही है। टीएमसी से राज्यसभा सांसद डेरेक ओ-ब्रायन ने कहा कि हम चाहते हैं कि नोटबंदी के दौरान मारे गये लोगों की आत्मा की शांति के लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा जाये। डेरेक के मुताबिक नोटबंदी के वक्त लाखों लोग घंटों लाइन में लगे। ऐसे में समय के बारे में हमे उपदेश नहीं देना चाहिए। वहीं तृणमूल कांग्रेस के दूसरे नेता कल्याण मुखर्जी ने कहा कि हम मोदी जी की बदले की भावना से की जानी वाली कार्रवाइयों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने हमारे नेता सुदीप बंदोपाध्याय को गिरफ्तार कराया। लेकिन मोदी जी हमें रोक नहीं सकते हैं।
तृणमूल कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नोटबंदी के दौर से आक्रामक रुख अपनाये हुये हैं। तृणमूल कांग्रेस के सांसद बजट सत्र के पहले सरकार द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक और बजट प्रस्तुति वाले दिन अनुपस्थित रहकर पहले ही सरकार से नराजगी जाता चुके है। तृणमूल के आक्रामक रुख को देखते हुए पहले से ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई को दौरान हंगामें के आसार थे। बता दें कि टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय की चिटफंड केस में पहले ही गिरफ्तारी की गयी है। वहीं अभिनेता से राजनेता बने तृणमूल कांग्रेस नेता तापस पाल को सीबीआई ने हाल ही में गिरफ्तार किया। दोनों के खिलाफ चिंटफंड केस मे धोखाधड़ी का आरोप है। रोज वैली ग्रुप द्वारा चलाई जा रही अनियमित वित्तीय निवेश योजनाओं की जांच सीबीआई कर रही है। रोज वैली रियल स्टेट समेत मनोरंजन क्षेत्र में कार्यरत है। जिस पर निवेशकों के लगभग 17,000 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है। रोज वैली के स्वामित्व वाली दो कंपनियों में तापस पाल निदेशक थे।