नयी दिल्ली, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने स्पष्ट किया कि आईआईटी, एनआईटी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, दिव्यांगों को फीस से पूरी तरह छूट दी गई है। लेकिन अन्य पिछड़े वर्ग को कोई छूट नही दी गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज आईआईटी में प्रत्येक छात्र पर सरकार को 6 लाख रूपये प्रति वर्ष खर्च आता है। और अधिकतम फीस दो लाख रूपये प्रति वर्ष प्रति छात्र है। उन्होंने कहा कि इसमें से आईआईटी और एनआईटी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों और दिव्यांगों को फीस से पूरी तरह छूट दी गई है। जिन छात्रों के परिवार की वाषिर्क आय एक लाख रूपये है, उन्हें भी फीस में छूट दी गई है। पांच लाख रूपये सालाना आमदनी वाले छात्रों को 60 हजार रूपये फीस देना है और नौ लाख रूपये तक आय वाले परिवार के छात्रों को ब्याज मुक्त रिण की व्यवस्था की गई है।
लोकसभा में आज प्रौद्योगिकी संस्थान संशोधन विधेयक 2016 पर चर्चा का जवाब देते हुए जावडेकर ने सदस्यों से मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘अधिकांश गरीबों को फीस से छूट दी गई है। अमीरों से फीस ले रहे हैं तो ऐसा करने दें। ’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज आईआईटी में प्रत्येक छात्र पर सरकार को 6 लाख रूपये प्रति वर्ष खर्च आता है। और अधिकतम फीस दो लाख रूपये प्रति वर्ष प्रति छात्र है। उन्होंने कहा कि इसमें से आईआईटी और एनआईटी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों और दिव्यांगों को फीस से पूरी तरह छूट दी गई है। जिन छात्रों के परिवार की वाषिर्क आय एक लाख रूपये है, उन्हें भी फीस में छूट दी गई है। पांच लाख रूपये सालाना आमदनी वाले छात्रों को 60 हजार रूपये फीस देना है और नौ लाख रूपये तक आय वाले परिवार के छात्रों को ब्याज मुक्त रिण की व्यवस्था की गई है।
लोकसभा में आज प्रौद्योगिकी संस्थान संशोधन विधेयक 2016 पर चर्चा का जवाब देते हुए जावडेकर ने सदस्यों से मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘अधिकांश गरीबों को फीस से छूट दी गई है। अमीरों से फीस ले रहे हैं तो ऐसा करने दें। ’’