मोदी सरकार ख़त्म कर रही, रोजगार और आरक्षण ? जानें, कैसे ? आज होगा “सामाजिक न्याय मार्च”
June 17, 2017
आरक्षण को निरस्त करने के लिए काँग्रेस के समय से सरकारी नौकरियां ख़त्म की जा रही हैं। अब सरकार उच्च शिक्षा पर हमला है और सीटें कम करते हुए, इनका “निजीकरण” करके इन्हें कॉरपोरेट को सौंप दिया जायेगा।
यह बड़ी साज़िश है। इस साज़िश के तहत केंद्र सरकार की नौकरियों में कमी करते हुए उन्हें निजी क्षेत्र या ठेकेदारी व्यवस्था में धकेला जा रहा है। रोजगार के सन्दर्भ में 74 मंत्रालयों और विभागों ने सरकार को बताया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों की 2013 में 92,928 भर्तियां हुई थीं। 2014 में 72,077 भर्तियां हुईं। मगर 2015 में घटकर 8,436 रह गईं। नब्बे फीसदी गिरावट आई है।
मोदी सरकार का वादा था कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां दी जाएंगी (लेकिन 15 लाख की मानव क्षमता रखने वाले रेलवे में अब मानव क्षमता है 11 लाख यानी रेलवे से भी 4 लाख नौकरियों की कटौती कर दी गई है)। रेलवे जैसे ही हालात है सैन्य सेवा के। यूपीएससी के पदों में भी कटौती हुई है। 2017 की यूपीएससी की परीक्षा के लिए 980 पद तय हुए हैं। पिछले पाँच साल में यह सबसे कम है।
1. मंडल आयोग को लागू किये बगैर मोदी सरकार द्वारा नए पिछड़े वर्ग आयोग का गठन , पिछड़ों के आरक्षण को हटाने की तैयारी है।
2. उत्तर प्रदेश में ईवीएम गड़बड़ी कर सत्ता में आई आदित्यनाथ योगी सरकार ने आते ही एक बड़ा फैसला लेते हुए निजी मेडिकल कॉलेजों के परास्नातक कोर्स में से एससी, एसटी और ओबीसी का कोटा समाप्त कर दिया है। यह आरक्षण पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपनी सरकार के दौरान वर्ष 2006 में लागू किया था।
3. हाल में 120 पिछड़े वर्ग के सिविल सेवा में कम्पीट किये हुए अभ्यर्थियों को मोदी सरकार ने “क्रीमी लेयर” की नई परिभाषा लागू कर लिस्ट से हटा दिए और उस जगह को खाली रखा है। परंतु बैकलाग भरने का कोई ईरादा नहीं हैँ।
यह मोदी योगी सरकारों का आरक्षण हटाने के कदम का ट्रेलर है। असल सिनेमा नए पिछड़े वर्ग आयोग के गठन के बाद आएगा।
ओबीसी में नई जातियों को शामिल करने के लिए संसद की इजाजत नहीं लेनी होगी, सिर्फ राष्ट्रपति का अनुमोदन लेना होगा।
सामाजिक न्याय मुद्दे पर जनता से वोट लेने वाले तमाम राजनैतिक दल चुप हैं। भाजपा में शामिल पिछड़े वर्ग के अधिकांश नेता अपने स्वार्थ में डूबे हुए हैं और समाज की हितों की रक्षा करने में असमर्थ हैं। संघर्ष हमें स्वयं करना होगा। हमें फिर से अपनी आज़ादी की लड़ाई लड़नी होगी।
आपसे अनुरोध है की इस देश के बहुसंख्यक पिछड़े वर्ग के हितों की रक्षा की मुहीम में शामिल हों। mandalsenamadhepura@gmail.com पर संपर्क करें।
आरक्षण पर मोदी सरकार के हमले के विरुद्ध “सामाजिक न्याय मार्च”। ‘आरक्षण बचाओ-रोजगार बचाओ’ सामाजिक न्याय मार्च मधेपुरा, शनिवार दिनांक 17 जून, 2017 समय : 6 बजे संध्या।