यहां पर मुसलमानों को इस चीज को खाने और पीने के लिए किया जा रहा है मजबूर…..
February 10, 2019
नई दिल्ली,यहां पर मुसलमानों को इस चीज को खाने और पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है.चीन के मुसलमान नागरिकों की शिकायत है कि उन्हें नव वर्ष समारोह के दौरान पोर्क खाने और शराब पीने के लिए मजबूर किया गया.एक अंग्रेजी अखबार ने चीन के कुछ मुस्लिम नागरिकों के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात कही है. रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ वेस्ट चीन के इली कज़ाख ऑटोनोमस प्रीफेक्चर के रहने वाले मुसलमानों को नए साल के उस फेस्टिव इवेंट में न्यौता दिया गया, जहां पोर्क परोसा जा रहा था. इसमें बताया गया कि अगर वे लोग ऐसे फंक्शन का हिस्सा बनने से इनकार करते हैं तो उन्हें ‘री-एजूकेशन’ कैंप भेजने की धमकी दी जाती है.
वहां के एक और निवासी ने rfa.org को बताया, शिनजियांग में कज़ाख लोगों ने कभी पोर्क नहीं खाया, लेकिन पिछले साल से कुछ लोगों ने उन्हें यह खाने के लिए फोर्स किया. आपको बता दें कि पोर्क और एल्कोहल खाना/पीना इस्लाम में सख्ती से मना है. चीन के वीगर मुसलमान वहां का lunar न्यू ईयर हॉलीडे/स्प्रिंग फेस्टिवल नहीं मनाते. वीगरों का कहना है, ‘हमारे मुख्य त्यौहार ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अदहा हैं. स्प्रिंग फेस्टिवल हान चाइनीज़ के लिए है, जो बुद्धिज्म में विश्वास करते हैं.’ वहां के एक और नागरिक ने कहा कि हम वहां के फेस्टिवल की सजावट के मुताबिक लालटेन नहीं लगाते और गाना नहीं गाते तो वे हमें दोहरी मानसिकता वाला बताते हैं और फिर इसी आधार पर हमें री-एजूकेशन कैंप भेज देते हैं.
एग्जाइल ग्रुप वर्ल्ड वीगर कांग्रेस के प्रवक्ता Dilxat Raxit ने कहा, ‘हमारी जानकारी के मुताबिक चीनी सरकार वीगरों को हान चीनी संस्कृति में आत्मसात करने के अभियान को आगे बढ़ा रही है. वे वीगरों को Lunar New Year सेलिब्रेट करने के लिए मजबूर कर रहे हैं. वे वीगरों को शराब पीने के लिए भी मजबूर कर रहे हैं, यह दिखाने के लिए कि वे ‘चरम धार्मिक मान्यताओं’ की सदस्यता नहीं लेते हैं और पारंपरिक चीनी संस्कृति का अनादर नहीं करते हैं.’
पिछले साल फरवरी में भी दावा किया गया था कि एक ही क्षेत्र के मुसलमानों को नए साल के जश्न में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया. इन दावों में फिर से यही आरोप शामिल हैं कि मुसलमानों ने वह खाना खाया जो उन्हें खाना मना है. छह फरवरी से शुरू हुआ चीनी साल इस बार पिग ईयर (सुअर वर्ष) है. चीन में हर नया साल उनके 12 जोडिएक प्रतीक जानवरों को समर्पित होता है. हर ज़ोडिएक साइन का वर्ष 12 सालों के बाद आता है. चीनी मानते हैं कि जो साल ज़ोडिएक के अनुसार जिस जानवर के नाम होता है, उसका असर उस साल उनके जीवन पर होता है.
आमतौर पर चाइनीज लोगों का अपने देश की एस्ट्रोलॉजी पर विश्वास है. चीनी लोग अपनी ज्योतिष को शेंग जियाओ के रूप में जानते हैं. चीनी ज्योतिषचक्र 12 राशियों पर आधारित है, जिसमें हर राशि का स्वामी एक जानवर है. ये जानवर चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घोड़ा, बकरा, बंदर, मुर्गा, कुत्ता और सुअर होता है. ज्योतिष चक्र के अनुसार हर साल एक जानवर पर आधारित होता है. लिहाजा ये चाइनीज राशि चक्र के सबसे आखिरी जानवर सुअर पर है, जो 12 साल के बाद अब फिर आया है. चीनी नववर्ष हर साल एक अलग तिथि पर होता है. यह चंद्र कैलेंडर पर आधारित है. नव वर्ष उत्सव दो सप्ताह तक मनाया जाता है. नए साल की शुरुआत 21 जनवरी और 20 फरवरी के बीच होती है.