लखनऊ, नोएडा प्राधिकरण के पूर्व इंजीनियर इन चीफ व घोटाले के आरोपी यादव सिंह को ईडी ने सोमवार को लखनऊ कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोबारा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में यादव सिंह को जेल भेज दिया है। गौरतलब है कि गौतमबुद्धनगर के प्राधिकरणों की जिम्मेदारी संभालने वाले यादव सिंह के खिलाफ तीस जुलाई को सीबीआई ने मामला दर्ज कराया था। क्वालिटी कंट्रोल एंजेंसी द्वारा की गई जांच में मामला सामने आया था कि नोएडा में 2011 में एक सप्ताह के अंदर चार बिल्डरों को 954.38 करोड़ रुपये के ठेके दिए थे।
टेंडर होने से पहले ही साठ फीसद काम पूरे हो चुके थे और सभी का पूरा भुगतान कर दिया गया था। टेंडर काम समाप्त होने के बाद दिए गए थे। इस मामले के सह अभियुक्त व सहायक परियोजना निदेशक रामेंद्र सिंह को भी सीबीआई 17 दिसंबर को गिरफ्तार कर चुकी थी, जो डासना जेल में बंद है। इसके अलावा यादव सिंह ने 2007 से 2012 तक करीब दो हजार टेंडर छोड़े थे, जिसमें 1280 प्रोजेक्टों पर काम शुरू हुआ था।
बसपा शासनकाल में नोएडा के दोनों प्राधिकरण में तैनाती के दौरान यादव सिंह पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। ईडी ने उनकी संपत्ति भी सीज कर दी थी। टेंडरिंग घोटाले में सीबीआई जांच होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी कार्रवाई शुरु कर दी थी। सोमवार को यादव सिंह को लखनऊ में प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट में पेश किया गया। पूछताछ के लिए ईडी ने कोर्ट से कस्टडी मांगी।
जहां कोर्ट ने यादव सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मनी लांड्रिग के मामले में अब ईडी 28 फरवरी 1 और दो मार्च को यादव से पूछतछ करेगी। वकीलो और समर्थकों में मारपीट कोर्ट द्वारा आदेश के बाद 14 दिन के लिए यादव सिंह को न्यायिक हिरासत में ले जाने के दौरान अधिवक्ताओं और समर्थकों के बीच मारपीट हो गयी। मामले की जानकारी पर पहुंची पुलिस अधिकारियों को हस्तक्षेप के दोनों पक्षों को शांत कराया और यादव सिंह को जेल भेज दिया गया।