नयी दिल्ली, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि यदि गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री को प्रासंगिक रहना है तो उद्योगों, औद्योगिक क्षेत्र में कदम रखने वाले साहसी युवाओं और उद्योगपतियों – तीनों की मदद के लिए एक स्थायी तंत्र बनाना चाहिए।
अमित शाह ने गुरूवार को यहां चैम्बर के वार्षिक व्यापार कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अमित शाह ने कहा कि चैम्बर ने गुजरात के विकास में बेहद अहम योगदान दिया है। चैम्बर ने युवाओं में उद्यम, साहस और दुनिया के किसी भी कोने में जाकर व्यापार करने का उत्साह भरने का काम किया है। उन्होंने कहा कि लगातार 75 वर्ष तक चैम्बर ने परंपरा को संभाला, सरकार के साथ संवाद बनाए रखा, जनता के हित की चिंता की और प्राकृतिक आपदाओं के समय जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि चैम्बर को 75 वर्ष से 100 वर्ष का रोडमैप तैयार करना चाहिए और गुजरात के विकास के साथ जोड़कर उसे आगे भी बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात के युवाओं की औद्योगिक साहसिकता को प्रोत्साहित करने के लिए चैम्बर को योजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सबसे बड़ी पूंजी है और अगर देखें तो किसी भी उद्योग ने सालों पहले एक लघु उद्योग के रूप में ही शुरूआत की होगी।
उन्होंने कहा कि गुजरात के लघु उद्योगों ने देश के औद्योगिक विकास में अच्छा योगदान दिया है। चैम्बर को लघु उद्योगों की परंपरा को स्टार्टअप के साथ जोड़कर और उसे आधुनिक बनाकर युवाओं के लिए एक संपूर्ण तंत्र उपलब्ध कराना चाहिए। साथ ही उसे सरकार, लघु उद्योग और साहसिक युवा के बीच सेतु का काम भी करना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि आने वाले समय में अगर चैम्बर को प्रासंगिक रहना है तो कार्यक्रमों के आयोजन मात्र से बाहर निकलकर उद्योगों, औद्योगिक क्षेत्र में कदम रखने वाले साहसी युवाओं और उद्योगपतियों – तीनों को मदद करने के लिए चैम्बर में एक स्थायी तंत्र बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चैम्बर के पदाधिकारी अगर पेशेवर लोगों के साथ एक तंत्र बनाएं तो अगले 25 वर्ष तक चैम्बर की प्रासंगिकता बनी रहेगी। इसके साथ ही सरकार और नए उद्योगपति, सरकार और युवाओं और सरकार और विकास करने की इच्छा रखनेवाले उद्योगपतियों के बीच सेतु बनने का काम चैम्बर सरलता से कर सकता है।