लखनऊ, उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता जांचने के लिए निदेशक व अपर निदेशक स्तर के अधिकारी जिलों में जाकर स्कूलों की जांच करेंगे।
अधिकारी स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत हुए कामों, पाठ्य पुस्तकों का वितरण, शिक्षा की गुणवत्ता आदि देखेंगे। इसके बाद अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट विभाग की ओर से दिए गए लिंक पर ऑनलाइन अपलोड करना होगी। सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग के 37 अधिकारी बरेली,लखनऊ समेत 37 जिलों में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। इससे पहले 3 व 4 सितम्बर को अधिकारियों ने 38 जिलों का निरीक्षण किया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार प्राथमिक शिक्षा की तस्वीर बदलने का काम कर रही है। 1.35 लाख स्कूलों का कायाकल्प करने के साथ पढ़ाई में कोई रूकावट न हो इसके लिए छात्रों को समय पर पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने का काम सरकार कर रही है। प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए निदेशक, अपर निदेशक समेत उच्च स्तर के अधिकारियों को स्कूलों की जांच में लगाया गया है।
इसे लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह की ओर से निर्देश जारी किए गए है। महानिदेशक की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता जांचने के लिए 75 अधिकारियों, कंसल्टेंट व सलाहकारों को लगाया गया है। जो एलॉट हुए जिलों में जाकर दस-दस स्कूलों की जांच करेंगे।
स्कूलों के निरीक्षण में लगाए गए अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन लिंक पर भरना होगी। अधिकारियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक एवं कार्यपुस्तिका की आपूर्ति का सत्यापन, ढुलाई एवं वितरण की प्रगति की समीक्षा, छात्रों के बैठने की व्यवस्था,विद्यालय में छात्रों की पढ़ाई, स्कूल स्तर पर होने वाले आयोजन, अभिभावकों से बातचीत समेत अन्य बिन्दुओं पर अपनी रिपोर्ट देना होगी।
इसके अलावा स्कूलों में कायाकल्प के दौरान हुए कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट भी ऑनलाइन भेजना होगी। स्कूलों के साथ-साथ अधिकारी कस्तूरबा गांधी विद्यालय व बीआरसी की जांच भी करेंगे।